लखनऊ : रंगभारती संस्था किशोर कुमार के जन्मदिन पर वर्ष 1957 से यह आयोजन करती आ रही है. कार्यक्रम स्व. किशोर कुमार की स्मृति को समर्पित था. इस दौरान लोगों ने किशोर की गायकी और उनके चुलबुले गीतों का लुत्फ उठाया. समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ‘रंगभारती’ एवं उसके अध्यक्ष श्याम कुमार की यह सराहना की कि उन्होंने महान कलाकार किशोर कुमार की ख्याति को जीवंत बनाए रखा. अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद भी मौजूद थीं.
किशोर कुमार के गाने ‘सप्तरंग ऑरकेस्ट्रा’ के इन गायक-गायिकाओं द्वारा किशोर कुमार के स्वरों में गाए गए अमर गीतों को सुनकर लोग झूम उठे. जमाल- ‘जिधर देखूं तेरी तसवीर’, ‘ओ मेरी, ओे मेरी शर्मीली’, ‘सुरमा मेरा निराला’, ‘एक हसीना थी’, ‘सारा जमाना हसीनों का दीवाना’. कृष्ण कुमार- ‘ये जो मुहब्बत है’, ‘दिल कोे देखो’, ‘मेरे सपनों की रानी’. रूपा तिवारी-‘चंदा ओ चंदा’. जमाल व स्मृति-‘जीवन के हर मोड़’, ‘इंतहा हो गई’. कृष्ण कुमार व रूपा-‘छेड़ों न मेरी जुल्फें’, ‘तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती’. जमाल व रूपा- ‘भीगी-भीगी रातों में’, ‘अरे यार मेरी तुम भी हो गजब’, ‘हम तो यारां तेरी’. कृष्ण कुमार व स्मृति- ‘कहीं न जा’, ‘ओ मेरे राजा’. वहीं इस मौके पर वरिष्ठ गायिका पद्मा गिडवानी ने भी अपनी आवाज में किशोर कुमार के ये दो गाने सुनाए. ‘छूकर मेरे मन को’, ‘प्यार दीवाना होता है’. सभी कलाकारों द्वारा समूहगान के रूप में ‘चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना’ से कार्यक्रम की समाप्ति की गई.
कार्यक्रम में ‘रंगभारती’ के दो बहुत पुराने एवं दिवंगत महान कलाकार स्वर्गीय रफीक बावरा एवं स्वर्गीय प्रसन्नजित मजूमदार के नाम पर दो कलाकारों को अभिनंदित किया गया. ‘रफीक बावरा रंगभारती सम्मान’ देश के सुविख्यात एंकर एवं ‘रंगभारती’ के सदस्य सुनील शान तथा ‘प्रसन्नजित मजूमदार रंगभारती सम्मान’ विजय श्रीवास्तव ‘गुड्डू’ को दिया गया. ‘रंगभारती’ के बहुत पुराने सदस्य एवं उच्चकोटि के कलाकार के रूप में पद्मा गिडवानी एवं किशोर चतुर्वेदी को ‘रंगभारती यशस्वी सम्मान’ से अभिनंदित किया गया.
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