लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार से प्रदेश भर में बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार शुरू होगा. इसके लिए जहां संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम बिजली संगठनों ने तैयारी पूरी कर ली है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली के ही कुछ संगठनों ने पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन से हाथ मिला लिया है. बिजली विभाग की तरफ से कार्य बहिष्कार करने वाले कर्मचारियों से निबटने की भी तैयारी पूरी कर ली गई है. बिजलीकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे तो विभाग के अधिकारी बिजली आपूर्ति का मोर्चा संभालेंगे. कार्य बहिष्कार और हड़ताल सफल न होने पाए इसके लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने तो साफ तौर पर उन फर्मों को संविदाकर्मियों की संविदा समाप्त करने के निर्देश जारी कर दिए हैं जो कार्य बहिष्कार या हड़ताल में शामिल होने वाले हैं.
बता दें, पिछले साल तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मांगों को लेकर सफल वार्ता हुई थी. इसके बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया था. ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया था कि 15 दिन के अंदर संगठन की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन करीब साढ़े तीन माह होने को हैं अब तक बिजली कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में अब विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व पर बिजली कर्मी ही सवाल उठाने लगे हैं. लिहाजा समिति ने एक बार फिर कार्य बहिष्कार और हड़ताल करने का एलान कर दिया. 14 मार्च की शाम को प्रदेश भर में बिजलीकर्मियों और अभियंताओं ने प्रदर्शन किया, मशाल जुलूस निकाले. 15 मार्च से बिजलीकर्मी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. 16 मार्च रात 10 बजे के बाद 72 घंटे की बिजलीकर्मी सांकेतिक हड़ताल करेंगे. कार्य बहिष्कार और हड़ताल से निबटने के लिए पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन ने भी तैयारी पूरी की है. बिजली की कोई भी समस्या होने पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. उनके नंबर जारी किए गए हैं, साथ ही प्रदेश भर के सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ही पुलिस अधीक्षकों को भी बिजली का काम कर रहे कर्मचारियों को सुरक्षा देने के लिए आग्रह किया गया है. इतना ही नहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. कुल मिलाकर पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच अब आंदोलन को लेकर माहौल गरमा गया है.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का कहना है कि कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी हुई है. उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है. ऐसे में मजबूरन कार्य बहिष्कार और हड़ताल की घोषणा करनी पड़ी है. हालांकि उनका कहना है कि 16 मार्च से 72 घंटे की जो हड़ताल होगी वह सांकेतिक होगी. बिजली आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. उत्तर प्रदेश पाॅवर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि कार्य बहिष्कार और हड़ताल में हमारा एसोसिएशन पावर कारपोरेशन का साथ दे रहा है. प्रदेशभर में बिजली आपूर्ति सामान्य रखने के लिए एसोसिएशन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है.
लखनऊ में आज नहीं होगा कार्य बहिष्कार : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश भर में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार 15 मार्च से हो रहा है, लेकिन लखनऊ में 15 मार्च को कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने बताया इसके पीछे वजह है कि लखनऊ में धूमधाम से शीतलाष्टमी मनाई जाती है. ऐसे में शीतलाष्टमी पर बिजली की समस्या न हो इसे लेकर यह फैसला लिया गया है. 16 मार्च को लखनऊ में दिन में कार्य बहिष्कार होगा तो रात 10 बजे के बाद हड़ताल शुरू होगी.
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