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महिलाओं ने की अहोई माता की पूजा, पुत्र की दीर्घायु के लिए रखती हैं व्रत

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Published : Nov 9, 2020, 6:51 AM IST

लखनऊ में रविवार को अहोई अष्टमी में दिन भर महिलाओं ने व्रत रखा. शाम को अहोई माता की पूजा की और फिर रात में चंद्रमा का दर्शन करके व्रत को समाप्त किया.

महिलाओं ने की अहोई माता की पूजा.
महिलाओं ने की अहोई माता की पूजा.

लखनऊ : लखनऊ में रविवार को महिलाओं ने अहोई अष्टमी का व्रत रखा. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. यह व्रत महिलाएं संतान की मंगल कामना के लिए रखती हैं. अहोई अष्टमी में दिन भर महिलाओं ने व्रत रखा और शाम को अहोई माता की पूजा की. फिर रात में चंद्रमा के दर्शन करके व्रत को समाप्त किया.

बच्चों का चित्र बनाकर करती हैं पूजा

इस व्रत में महिलाएं अहोई माता के चित्र में स्याऊ माता और अपने बच्चों का चित्रांकन बनाकर पूजा करती हैं. पूजा में महिलाओं ने पूड़ी, चंदिया सहित अन्य सामान रखकर अहोई माता से संतान की मंगल कामना की. यह व्रत मुख्य रूप से पुत्रवती महिलाएं रखती हैं. लेकिन कुछ महिलाएं संतान की कामना के लिए भी इस व्रत को करती हैं. यह व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद अष्टमी तिथि को रखा जाता है. पूजा के अंत में स्याऊ माता और बच्चों की कहानी कही जाती है.

लखनऊ : लखनऊ में रविवार को महिलाओं ने अहोई अष्टमी का व्रत रखा. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. यह व्रत महिलाएं संतान की मंगल कामना के लिए रखती हैं. अहोई अष्टमी में दिन भर महिलाओं ने व्रत रखा और शाम को अहोई माता की पूजा की. फिर रात में चंद्रमा के दर्शन करके व्रत को समाप्त किया.

बच्चों का चित्र बनाकर करती हैं पूजा

इस व्रत में महिलाएं अहोई माता के चित्र में स्याऊ माता और अपने बच्चों का चित्रांकन बनाकर पूजा करती हैं. पूजा में महिलाओं ने पूड़ी, चंदिया सहित अन्य सामान रखकर अहोई माता से संतान की मंगल कामना की. यह व्रत मुख्य रूप से पुत्रवती महिलाएं रखती हैं. लेकिन कुछ महिलाएं संतान की कामना के लिए भी इस व्रत को करती हैं. यह व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद अष्टमी तिथि को रखा जाता है. पूजा के अंत में स्याऊ माता और बच्चों की कहानी कही जाती है.

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