लखनऊ: कैंसर इन दिनों तेजी से फैलने वाली एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. खराब जीवनशैली और खानपान में लापरवाही की वजह से लोग लगातार इस गंभीर समस्या के शिकार होते जा रहे हैं. खासकर महिलाओं में इन दिनों यह समस्या बढ़ती जा रही है. न सिर्फ प्रदेश में बल्कि दुनियाभर में कई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही हैं. केजीएमयू का महिला एवं प्रसूति विभाग की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सीमा मल्होत्रा ने कहा कि आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर सबसे अधिक होने वाला कैंसर है.
सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या प्रदेश में काफी ज्यादा है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार की लगातार सर्वाइकल कैंसर को लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम करते रहते हैं. ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सतर्क रहें. अस्पतालों में बहुत सारे केस ऐसे आते हैं तो उनकी काउंसलिंग करके उनका ट्रीटमेंट जल्द से जल्द शुरू किया जाता है.
उन्होंने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) तब होता है. जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के अस्तर में असामान्य रूप से विकसित होती हैं, जो निचले गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा होता है. कम उम्र में कई यौन संबंध होने या यौन सक्रिय होने से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के विकास की संभावना बढ़ जाती है. कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आने पर जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है. जिसमें डॉक्टर एक निवारक उपाय के रूप में पैप टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है.
डॉ सीमा ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) महिलाओं में होने वाले सबसे जानलेवा कैंसर में से एक है, और बड़ी तेजी से पिछले कुछ सालों में इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों की माने तो भारत में हर साल लगभग एक लाख से ज्यादा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है जिनमें से हर साल लगभग 67000 महिलायें इस बीमारी के चलते मृत्यु का शिकार बन जाती हैं. वहीं कुछ अन्य रिपोर्ट कि मानें तो हमारे देश में 30 से 69 उम्र की 17 % प्रतिशत महिलाओं की मौत इस कैंसर के कारण होती है.
गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले ह्यूमन पैपीलोमावायरस (HPV) की वजह से होते हैं. ये एक आम वायरस है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संभोग के दौरान जा सकता है. ह्यूमन पैपीलोमावायरस इतना आम है कि ज़्यादातर लोग अपनी ज़िंदगी में इससे जरूर संक्रमित होते हैं, हालांकि एचपीवी (HPV) से किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसलिए आप इससे कब संक्रमित हो जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा. आमतौर पर महिलाओं में ये वायरस अपने आप चला भी जाता है, हालांकि, अगर नहीं गया तो ये समय के साथ सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेती है. लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे कारक है जिसकी वजह से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन एचपीवी भी आ गई है. जल्द ही यह वैक्सीन अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी और महिलाओं को लगना शुरू हो जाएगी. इस वैक्सीन के लग जाने से सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने का खतरा कम रहेगा. सरकारी अस्पतालों के द्वारा स्कूलों में जाकर कई कैंप आयोजित होते हैं जहां पर छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में समझाया जाता है. साथ ही यह भी बताया जाता है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन भी उपलब्ध है.
उन्होंने बताया कि बच्चियों में 9 वर्ष से लेकर के 14 वर्ष की उम्र में वैक्सीन की दो डोज लगती है, जिसे 6 महीने के अंतराल पर लगाया जाता है. अगर इस उम्र में वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है तो 15 से 26 वर्ष की उम्र में भी महिला को वैक्सीन लगाया जा सकता है. इसके लिए उन्हें वैक्सीन की तीन डोज लेनी होगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि अगर कोई महिला विवाहित है तो इसके लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है. शादीशुदा या रिलेशनशिप में रहने वाली युवतियों को अपनी स्क्रीनिंग करानी होगी. इस स्क्रीनिंग में अगर उनमें एचपीवी 16 और 18 का वायरस नहीं होता है तो वह टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी कर सकती हैं.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण के तौर पर सबसे पहले दस्त होना शुरू हो जाता है.
- त्वचा में जलन या खुजली होने लगती है
- मन अजीब सा खराब रहता है
- बार-बार पेशाब लगना
- बिना कुछ काम किए भी थकावट हमेशा बनी रहना
- योनि में दर्द बना रहना
- अनियमित मासिक धर्म
सर्वाइकल कैंसर से बचाव- धूम्रपान शराब जैसी नशीली चीजों से दूरी बनाए क्योंकि मैं निकोटीन होता है जो गर्भाशय ग्रीवा में जमा होकर कैंसर सेल्स को बढ़ावा देता है
- असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से बचें. एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाने से बचें.
- सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए सबसे जरूरी है टीकाकरण इस बीमारी से बचने के लिए एचपीवी इंजेक्शन लगवाना जरूरी है
- रोजाना योगा करें और टहलें जरूर
- हेल्थी और अच्छी डाइट लें खाने पीने में हरी साग सब्जियों को शामिल करें.
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