लखनऊ : यह देख कर सुखद अनुभव हो रहा है कि आज लड़कियां भी विज्ञान के क्षेत्र में आगे निकल रही है एवं अच्छा कार्य कर रही हैं. देश को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर देने होंगे. आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, फिर चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो या फिर अंतरिक्ष में जाना हो. महिलाओं को आगे बढ़ता देख कर हृदय से खुशी होती है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सही साबित हो रहा है और लगातार देश प्रगति कर रहा है.
यह बातें यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ में चल रहे एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला समारोह में कहीं. इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी एवं केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक प्रो. रविनारायण आचार्य विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे. संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एसके तिवारी ने एक सप्ताह एक प्रयोशाला की कार्यक्रम रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए पूरे सप्ताह आयोजित की गयी गतिविधियों की जानकारी दी. समापन समारोह में सभी को संबोधित करते हुए माननीय उप मुख्यमंत्री. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संस्थान को उसके कार्यों एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी.
विशिष्ट अतिथि अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि आज विश्व हमारी संस्कृति को योग, आयुर्वेद एवं अन्य रूपों में अपना रहा है. यदि हम भी अपनी संस्कृति पर विचार करें एवं उसमें छुपे हुए ज्ञान-विज्ञान का पालन करें तो हम बहुत सी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया किया कि भारत में विभिन्न तकनीकों के लिए पेटेंट प्राप्त करने की दिशा में हमें अभी भी बहुत काम करना है. इस मौके पर अतिथियों ने एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला समारोह के अंतर्गत आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे पोस्टर व वाद विवाद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया.
उदघाटन सत्र में औषध विज्ञान, पादप रसायन एवं भेषज विज्ञान विषय पर अनुसंधान एवं विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो. रविनारायण आचार्य, सीएसआईआर एनबीआरआई, लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ. सीएस नौटियाल एवं कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने किया. डॉ नौटियाल द्वारा जहां प्राचीन ग्रंथों में उपलब्ध औषधीय ज्ञान पर शोध पर जोर दिया गया. डॉ. संजय कुमार ने औषधीय उपयोग में आने वाले जैविक संसाधनों के संरक्षण एवं निगरानी की आवश्यकता बताई. मुख्य अतिथि प्रो. रबीनारायण आचार्य ने आयुर्वेदिक औषधियों के शोध पर जोर दिया.
इस अवसर पर मिलेट (मोटा अनाज) युक्त पारंपरिक व्यंजन पर कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. जिसमें चयनित प्रतिभागियों ने अपनी- अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत कीं. इसके साथ साथ 'हर्बल औषधि विकास चुनौतियों एवं अवसर विषय पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमे मुख्य रूप से केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् के प्रो रबीनारायण आचार्य, इमामी ग्रुप, हेल्थ केयर डिवीज़न के डॉ. सीके कटियार हिमालया हर्बल से डॉ. युवी बाबु एवं अन्य आयुष विशेषज्ञ शामिल रहे.
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