लखनऊ: पिछले कुछ समय से बढ़े गैस के दामों ने आम आदमी को परेशानी में डाल दिया है. अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो बढ़े गैस के दामों की वजह से सरकार की उज्जवला योजना भी धुएं में दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. महिलाओं का कहना है कि सरकार ने मुफ्त कनेक्शन तो दे दिया, लेकिन बढ़ती गैस की कीमतों से हम सिलेंडर भराने में अक्षम हैं.
इसलिए नहीं बनता गैस पर खाना
साल 2016 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का शुभारंभ किया था. इसका उद्देश्य गरीब महिलाओं को धुएं से निजात दिलाना था. इस योजना में गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए थे. इस योजना का लाभ मिलने के बाद कुछ दिन तो महिलाओं को राहत मिली, लेकिन योजना में मिला गैस-सिलेंडर अब कोने में पड़ा रहता है.
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आसमान छू रही है गैस की कीमत
इसकी हकीकत जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम उज्जवला योजना के लाभार्थियों से बात की तो उन्होंने अपनी समस्याएं बताईं. कुन्ती का कहना है कि उन्हें गैस कनेक्शन तो मिले हैं, लेकिन आज गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं. यही वजह है कि हमें फिर से चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर होना पड़ा.
गैस भराएं या बेटी की शादी करें
जानकी ने बताया कि उसके घर में छह लोग हैं. हमारा घर भी गिरा पड़ा है. वो मजदूरी करके जैसे-तैसे अपना पेट भरते हैं. बेटी की शादी करनी है और गैस इतनी मंहगी हो गई है कि हमें चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है. अगर इतना महंगा सिलेंडर भराएंगे तो बेटी की शादी के लिए पैसे कैसे इकट्ठे करेंगे.