लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में आज वन स्टॉप सेंटर से जुड़ी जानकारियां और ट्रेनिंग देने के लिए मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक बृजेश सिंह निरंजन, जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडे और वन स्टॉप सेंटर प्रभारी अर्चना सिंह ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए चलाई गई योजनाओं 181 महिला हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
मासिक समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन
- राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बताया कि महिला आशा ज्योति केंद्र का नाम बदल कर 'वन स्टॉप सेन्टर' रख दिया गया है.
- वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली आशा ज्योति केंद्र से काफी मिलती-जुलती है, इस सेंटर में पुलिस की एक टुकड़ी काउंसलर और मैनेजमेंट के अन्य सदस्य शामिल होते हैं.
- इसके तहत किसी महिला की शिकायत आती है तो उसका रेस्क्यू करवाया जाता है.
- बाथम ने बताया कि उत्तर प्रदेश ही मात्र एक ऐसा राज्य है जहां ऐसा कोई सेंटर बनाया गया है इसके तहत महिलाओं की मदद की जाती है.
- अभी सिर्फ 17 वन स्टॉप सेंटर पर ही रेस्क्यू की व्यवस्था है.
- वन स्टॉप सेंटर प्रधानमंत्री मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है.
- इस सेंटर में महिला के रहने उसकी काउंसलिंग और उसको हर तरह से सहायता देने की कोशिश की जाती है.
- इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य को ट्रेनिंग दी जा रही है.