लखनऊ: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन व उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दाखिल मुकदमे की एक अर्जी पर भ्रामक रिपोर्ट भेजने को लेकर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार किया है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने थानाध्यक्ष महिला थाना को आठ फरवरी को व्यक्तिगत रुप से तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश आशुतोष टंडन के भाई की पुत्रवधु दिशा दंडन की अर्जी पर दिया है.
बीते 21 जनवरी को दिशा टंडन ने यह अर्जी दाखिल की थी. इस अर्जी में दिशा टंडन ने कहा है कि उसकी शादी 11 दिसंबर 2019 को हुई थी. उस समय लालजी टण्डन जीवित थे. कहा गया है कि जब तक लालजी टण्डन जीवित रहे तब तक दिशा टंडन को कोई परेशानी नहीं हुई तथा उन्हें प्यार व सम्मान मिलता रहा.
अर्जी में आरोप लगाया गया है कि लालजी टंडन की मृत्यु के बाद आशुतोष टंडन, उनकी पत्नी मधु टंडन, छोटे भाई सुबोध टंडन, सुबोध टंडन की पत्नी वंदना टंडन, पति आयुष टंडन, ससुर अमित टंडन, सास नमिता टंडन, आयुष की बड़ी बहन तिरु खन्ना व सलोनी सहगल तथा भाई वंश टंडन उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे एवं गंदी-गंदी गालियां देकर मारपीट करते थे जिसकी शिकायत सूचना आयोग, महिला आयोग ,थाना चौक व महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने को लेकर की गई लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई.
ये भी पढ़ेंः नामांकन करने जा रहे मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह पर हमले की कोशिश, पुलिस ने बताई ये बात
पिछली सुनवाई पर अदालत ने वादिनी की अर्जी पर महिला थाना से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया था. 28 जनवरी को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि थानाध्यक्ष कोविड से पीड़ित हैं. लिहाजा सात दिन का समय दिया जाए जबकि गुरुवार को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि वह मुंबई गई हैं इसलिए सात दिन की और मोहलत दी जाए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप