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महिला मंत्री ने अदालत में दी गवाही, भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं के खिलाफ की गई थी अभद्र टिप्पणी

एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए, अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में, राज्य सरकार की एक महिला मंत्री की बतौर गवाह गवाही दर्ज की.

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Published : Sep 18, 2021, 10:11 PM IST

एमपी एमएलए कोर्ट.
एमपी एमएलए कोर्ट.

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में राज्य सरकार की एक महिला मंत्री की बतौर गवाह गवाही दर्ज की. उन्होंने इस गवाह से मुल्जिमों की जिरह के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की है. शनिवार को इस मामले में महिला मंत्री अदालत में उपस्थित हुईं और अपनी गवाही दर्ज कराई. करीब सवा दो बजे गवाही शुरु होकर तीन बजे समाप्त हो गई.

क्या है मामला
22 जुलाई, 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर भाजपा नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक 20 जुलाई, 2016 को बसपा प्रमुख ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू और नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी. साथ ही अपशब्द कहे थे. जबकि इसके दूसरे दिन बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर तथा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र को मां और बहन को गालियां दी. अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया. उनके पुत्र की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए. जो बलात्कार की श्रेणी में आते हैं.

इसे भी पढ़ें- विधवा का आरोप- वसूली के लिए पुलिस कर रही परेशान, कोर्ट ने कहा- जवाब दो राज्य सरकार

12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम के साथ ही दो अन्य मुल्जिम नौशाद अली और अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. बीते 22 फरवरी को विशेष अदालत ने सभी मुल्जिमों पर आरोप तय कर अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया था.

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में राज्य सरकार की एक महिला मंत्री की बतौर गवाह गवाही दर्ज की. उन्होंने इस गवाह से मुल्जिमों की जिरह के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की है. शनिवार को इस मामले में महिला मंत्री अदालत में उपस्थित हुईं और अपनी गवाही दर्ज कराई. करीब सवा दो बजे गवाही शुरु होकर तीन बजे समाप्त हो गई.

क्या है मामला
22 जुलाई, 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर भाजपा नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक 20 जुलाई, 2016 को बसपा प्रमुख ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू और नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी. साथ ही अपशब्द कहे थे. जबकि इसके दूसरे दिन बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर तथा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र को मां और बहन को गालियां दी. अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया. उनके पुत्र की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए. जो बलात्कार की श्रेणी में आते हैं.

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12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम के साथ ही दो अन्य मुल्जिम नौशाद अली और अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. बीते 22 फरवरी को विशेष अदालत ने सभी मुल्जिमों पर आरोप तय कर अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया था.

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