लखनऊ: राजधानी के साई हॉस्पिटल पर आरोप है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मोटी रकम लेने के बाद भी एक महिला का बेहतर इलाज नहीं किया, जिससे महिला की जान चली गई. महिला के बेटे ने आरोप लगाते हुए कहा, अस्पताल ने भर्ती करने और रकम वसूलने के समय डॉक्टरों ने मरीज को सही करने का पूरा वादा किया था, लेकिन रकम मिलते ही इलाज में लापरवाही बरतना शुरू कर दी गई, जिसके कारण उसकी मां की जान चली गई. महिला की मौत के बाद बेटे ने पीजीआई कोतवाली पर शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, गोमती नगर निवासी कैलाश दुबे की मां आशा दुबे उम्र 61 साल को सांस लेने में तकलीफ होने पर 10 मई को अस्पताल में भर्ती करवाया था. जहां पर उससे मोटी रकम वसूली गई और बेहतर इलाज का आश्वासन दिया गया, लेकिन उसकी मां को ना तो समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया गया और ना ही जीवन रक्षक दवाएं. बेटे का आरोप है की आईसीयू में भर्ती मां से उसे मिलने भी नहीं दिया गया. मां आशा की हालत बिगड़ते देख बेटे ने अस्पताल के डाक्टरों से फोन से संपर्क करना चाहा तो डॉक्टरों ने उसका फोन तक नहीं उठाया. आरोपी डाक्टरों का नाम सिद्धांत शुक्ला और लल्ला है.
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पुलिस का बयान
पीजीआई इंस्पेक्टर आनंद कुमार का कहना है कैलाश नामक युवक के द्वारा एक शिकायती पत्र दिया गया है, जिसमें साईं हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा फिलहाल इस मामले पर लखनऊ सीएमओ से राय ली गई है. सीएमओ की राय आने के बाद ही इस मामले पर मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी.