लखनऊ : राजधानी के महानगर थानांतर्गत खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित कैलाशपुरी घाट मंदिर में मिली सपना पाठक के मौत के बाद मामले में नया मोड़ सामने आया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मृतका सपना के सिर पर हेड इंजरी पाई गई है. महिला के परिजनों की तहरीर पर महानगर थाना पुलिस ने महंत राम सुमन चतुर्वेदी समेत दो अन्य के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. हालांकि अभी तक हत्या का खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस ने सोमवार को कब्र से महिला की लाश को निकाला था.
महानगर पुलिस के मुताबिक महिला सपना पाठक 16 मई को कैलाशपुरी घाट मंदिर के आश्रम में आई थी. रविवार रात पुलिस को सपना की मौत होने के बाद गौशाला में दफनाए जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने सोमवार को आश्रम पहुंचकर महंत राम सुमन चतुर्वेदी से पूछताछ की थी. महंत ने बताया था कि सपना को कई दिनों से बुखार आ रहा था. जिस वजह 19 मई को उसकी मौत हो गई थी. महिला की इच्छा थी कि न उनको जलाया जाए और न ही नदी में प्रवाहित किया जाए. इसलिए गौशाला में ही दफनाया दिया गया. बहरहाल मंगलवार को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है.
15 साल से फैमिली से अलग : एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह के मुताबिक महिला सपना की वर्ष 2000 में शादी प्रयागराज के रहने वाले शिक्षक राजीव दुबे से हुई थी. जिनकी दो बेटियां वर्षा व श्रुति हैं. सपना कुछ समय तक मुंबई में एक अखबार में नौकरी भी की. छानबीन में सामने आया है कि पिछले 15 वर्षों से सपना अपने परिवार से दूर रह रही थी. उनकी एक बेटी ननिहाल और दूसरी एक रिश्तेदार के घर पर रहती है.
बता दें, मूलरूप से प्रयागराज के कृष्णानगर निवासी मूर्छना पाठक उर्फ सपना पाठक (45) 16 मई को आश्रम आई थीं. बीरबल साहनी मार्ग पर कैलाशपुरी घाट मंदिर के पास गौशाला परिसर में महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. रविवार रात एक शख्स ने पुलिस को सूचना दी कि आश्रम से संबंधित गौशाला में किसी को दफनाया गया है. पुलिस ने महंत राम सुमन चतुर्वेदी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 19 मई को सपना की मौत हो गई थी. उनकी इच्छा थी कि न उन्हें जलाया जाए और न ही नदी में प्रवाहित किया जाए. गौशाला में ही दफनाया दिया जाए पुलिस ने तत्काल इसकी सूचना सपना के परिवारीजनों को दी. फिर उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
महंत ने पुलिस को बताया है कि सपना गौशाला परिसर में ही सोती थी. तीन दिन पहले सुबह सोकर उठे तो देखा कि सपना को तेज बुखार है, वह कराह रही थी. ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी और उठने में भी असमर्थ थी. उसे जड़ी-बूटी दी गई, पर हालत में सुधार नहीं हुआ. कुछ देर बाद सपना की सांसें थम गईं. करीब चार घंटे में कब्र खोदकर शव दफना दिया गया. महंत ने पुलिस को बताया कि सपना का आश्रम से लगाव था वह अक्सर यहां आती थी. महंत ने दावा किया है कि सपना की मौत स्वाभाविक है. गौशाला परिसर में ही महंत के दामाद, बहन व अन्य परिवारवाले भी रहते हैं.