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बेटे नहीं...बेटी के लिए 5 साल से छठ पर्व मना रहीं यह महिला

पूरे देश में नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ पर्व अपने पूरे रंग में रंग चुका है. वहीं राजधानी लखनऊ में एक महिला अपनी बेटी के लिए 5 साल से छठ का व्रत रख रही हैं. उनका कहना है कि आज के जमाने में बेटी और बेटे में कोई अंतर नहीं रह गया है. देखें यह विशेष रिपोर्ट...

बेटी के लिए 5 साल से छठ पर्व मना रही यह महिला.
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Published : Nov 2, 2019, 7:58 PM IST

लखनऊ: पूर्वांचल का मुख्य पर्व छठ का उल्लास अब पूरे देश में दिखाई देने लगा है. शनिवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के घाटों पर व्रती लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इससे पहले प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं. जिला प्रशासन ने भी इस पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की हैं.

व्रती महिला से संवाददाता ने की बातचीत.
36 घंटे का होता है व्रत
छठ पर्व को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने एक व्रती महिला पूजा से बात की तो उन्होंने व्रत से जुड़ी तमाम बातें बताईं. पूजा ने बताया कि वह 5 साल से छठ पर्व का व्रत रख रही हैं. यह व्रत 36 घंटे का होता है. वो भी निर्जला रखा जाता है.
बेटी के लिए रखती हैं व्रत
पूजा ने बताया कि वैसे तो यह व्रत बेटे और सूर्य के लिए रखा जाता है, लेकिन वह अपनी बेटी के लिए इस पर्व को मनाती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी शादी को बहुत साल हो गए थे, लेकिन संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी. तब उन्होंने छठी मैया से प्रार्थना की और कहा कि मुझे संतान की प्राप्ति कराएं.

ये भी पढ़ें: कहीं लिखा क्राइम ब्रांच कहीं पुलिस विभाग, ऐसे किया छठ घाटों पर कब्जा

पूजा की प्रार्थना छठी मैया ने पूरी की. उनको एक बेटी की प्राप्ति हुई. तब उन्होंने ठान लिया कि अब वह छठ का व्रत रहेंगी. पूजा ने सबसे अच्छी बात कही कि आज के जमाने में बेटी और बेटे में कोई अंतर नहीं रह गया है. उनके लिए बेटी ही बेटे के समान हैं.

सभी तैयारियां हुईं पूरी
व्रत को लेकर पूजा ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पूजा के घर में उनके सिवाय कोई और छठ का व्रत नहीं रखता.

लखनऊ: पूर्वांचल का मुख्य पर्व छठ का उल्लास अब पूरे देश में दिखाई देने लगा है. शनिवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के घाटों पर व्रती लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इससे पहले प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं. जिला प्रशासन ने भी इस पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की हैं.

व्रती महिला से संवाददाता ने की बातचीत.
36 घंटे का होता है व्रत
छठ पर्व को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने एक व्रती महिला पूजा से बात की तो उन्होंने व्रत से जुड़ी तमाम बातें बताईं. पूजा ने बताया कि वह 5 साल से छठ पर्व का व्रत रख रही हैं. यह व्रत 36 घंटे का होता है. वो भी निर्जला रखा जाता है.
बेटी के लिए रखती हैं व्रत
पूजा ने बताया कि वैसे तो यह व्रत बेटे और सूर्य के लिए रखा जाता है, लेकिन वह अपनी बेटी के लिए इस पर्व को मनाती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी शादी को बहुत साल हो गए थे, लेकिन संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी. तब उन्होंने छठी मैया से प्रार्थना की और कहा कि मुझे संतान की प्राप्ति कराएं.

ये भी पढ़ें: कहीं लिखा क्राइम ब्रांच कहीं पुलिस विभाग, ऐसे किया छठ घाटों पर कब्जा

पूजा की प्रार्थना छठी मैया ने पूरी की. उनको एक बेटी की प्राप्ति हुई. तब उन्होंने ठान लिया कि अब वह छठ का व्रत रहेंगी. पूजा ने सबसे अच्छी बात कही कि आज के जमाने में बेटी और बेटे में कोई अंतर नहीं रह गया है. उनके लिए बेटी ही बेटे के समान हैं.

सभी तैयारियां हुईं पूरी
व्रत को लेकर पूजा ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पूजा के घर में उनके सिवाय कोई और छठ का व्रत नहीं रखता.

Intro:लखनऊ। पूर्वांचल का मुख्य पर्व छठ का उल्लास अब पूरे देश में दिखाई देने लगा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के घाटों पर व्रती लोगों की भीड़ उमड़ी है।

इससे पहले प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। वहीं जिला प्रशासन ने इस पर्व को लेकर तमाम तैयारियां भी की हैं।


Body:36 घंटे का होता है व्रत

इस व्रत को लेकर ईटीवी भारत ने एक व्रती निशा से बात की व्रत से जुड़ी तमाम बातें बताईं। निशा ने बताया कि वह 5 साल से छठ पर्व का व्रत रख रही हैं। उन्होंने बताया कि यह व्रत 36 घंटे का होता है। वो भी निर्जला रखा जाता है।

बेटी के लिए रखती हैं व्रत

निशा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वैसे तो यह व्रत बेटे और सूर्य के लिए रखा जाता है। लेकिन वह अपनी बेटी के लिए इस पर्व को मनाती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शादी को बहुत साल हो गए थे। उनको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी। उन्होंने छठी मैया से प्रार्थना की और कहा कि मुझे संतान की प्राप्ति कराएं।

पूरी हुई मुराद

निशा ने बताया कि उनकी प्रार्थना छठी मैया ने पूरी की। उनको एक बेटी की प्राप्ति हुई। उन्होने ठान लिया कि अब छठ का व्रत रहूंगी। निशा ने सबसे अच्छी बात कही की आज के जमाने में बेटी और बेटे में कोई अंतर नहीं रह गया है। उनके लिए बेटी ही बेटे के समान हैं।

सभी तैयारियां हुईं पूरी

व्रत को लेकर निशा ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। शाम को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने आएंगे। उनके घर में उनके सिवाय कोई और छठ का व्रत नहीं रखता।


Conclusion:पूरे देश में नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ पर्व अपने पूरे रंग में रंग चुका है। पूर्वांचल के अब यह पर्व पूरे देश में अपनी पहचान बना चुका है।

अनुराग मिश्र

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