लखनऊ : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन नेताओं ने एक-दूसरे पर खूब आरोप प्रत्यारोप लगाए. एक ओर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की तो वहीं सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी 2012 से 17 तक सपा के शासन काल की याद दिलाई और बताया कि अखिलेश यादव की सरकार में कैसे नियमों की अनदेखी और भेदभाव होता था. विपक्ष के नेताओं ने खासतौर पर ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को घेरने की कोशिश की. हालांकि इसका जवाब नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक लालजी वर्मा ने कहा कि प्रदेश में डेंगू महामारी का रूप ले चुका है. उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को वहां व्यवस्था देखने की जरूरत थी. इसके बजाय उन्होंने अपनी सारी ऊर्जा कैसे सत्ता परिवर्तन हो, इस पर खर्च करते हैं. वह दूसरों के विभागों पर विशेष ध्यान देने का काम करते हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने भी इन्हें पैदल बना दिया है. इनके अनुसार इनका डीजी भी नहीं बन पाया. इनका डीजीएमई भी नहीं बन पाया. इसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जब लालजी वर्मा यह बातें कह रहे थे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंद-मंद मुस्करा रहे थे.
उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा नेताओं के तमाम विषयों का ज्ञान ही नहीं है. इनके डीएनए में हल्ला मचाना है. विपक्ष की पीड़ा गरीब जनता नहीं है. विपक्षी की पीड़ा 'हाय हुसैन हम न हुए' है. यह राजकुमार हैं, विपक्ष में बैठना ही नहीं जानते हैं. इन्हें मालूम होना चाहिए कि जनता सर्वोपरि होती है. यह लोग केवल जनता को गुमराह करके गुंडई और अराजकता के नाम पर लाठी और बंदूक के बल पर शासन चलाते थे. पहले समाजवादी पार्टी के लोग बड़े-बड़े अस्पतालों में जाकर चौथ वसूलने का काम करते थे.
बिजली के बिल गलत आने की समस्या पर ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि मीटर रीडर गलती करता है. मौके पर जाता नहीं है. गलत बिल बनाता है. यह सभी बातें संज्ञान में हैं और इसीलिए जो बबूल हमने काटे हैं, उसका भी थोड़ा ब्यौरा दे देते हैं. ऐसे 2508 मीटर रीडरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं. इसके बाद सपा विधायक मुकेश चंद्र वर्मा ने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस समय हम पूरे राज्य में बिजले दे रहे हैं और आपके समय में सब जानते हैं कि कहां बिजली आती थी और कहां-कहां नहीं आती थी.
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