लखनऊ: एक तरफ यूपी कांग्रेस में इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों की झड़ी लगी हुई है. वहीं दूसरी तरफ बड़े पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना तो दूर, इस बारे में सोचा भी नहीं है. इनमें दो ऐसे नाम हैं, जिनके इस्तीफे का इंतजार सभी को है. ये नाम हैं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया का.
ये नाम भी हैं शामिल
- इस्तीफा न देने वालों में दो अन्य बड़े नाम भी शामिल हैं.
- पहला नाम छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया और दूसरा झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह का है.
इन्होंने नहीं दिया इस्तीफा
- प्रियंका गांधी- राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी, पूर्वी उत्तर प्रदेश
- ज्योतिरादित्य सिंधिया- राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश
- नसीमुद्दीन सिद्दीकी- महासचिव
- राजीव शुक्ला- महासचिव
- पीएल पुनिया- प्रभारी, छत्तीसगढ़
- आरपीएन सिंह- प्रभारी, झारखंड
- जुबेर खान-सचिव, एआईसीसी
- बाजीराव खाड़े- सचिव, एआईसीसी
- सचिन नाईक- सचिव, एआईसीसी
- धीरज गुर्जर- सचिव, एआईसीसी
- राणा गोस्वामी- सचिव, एआईसीसी
- रोहित चौधरी-सचिव, एआईसीसी
इस्तीफा न देने पर उठ रहे सवाल
- झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह ने राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद भी अब तक अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है.
- आरपीएन सिंह के अब तक इस्तीफा नहीं सौंपने से कई सवाल भी उठ रहे हैं.
- कहा जा रहा है कि बड़े लोगों का इस्तीफा लेने के लिए ही राहुल गांधी ने इस तरह से कहा है.
- कांग्रेस के प्रवक्ताओं की बात की जाए तो सभी अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया जो पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हैं, ने अब तक अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है। मुस्लिम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले जीशान हैदर ने भी अब तक अपना इस्तीफा पीसीसी को नहीं भेजा है.
- इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों का कहना है कि जब बड़े पदाधिकारी इस्तीफा देंगे तो उनके नक्शे कदम पर ही अन्य पदाधिकारी चलेंगे.
- जब बड़े पदाधिकारी ही इस्तीफा देने का नाम नहीं ले रहे हैं तो भला संगठन के अन्य पदाधिकारी इस्तीफा देने के बारे में सोचे भी तो कैसे?
- जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया था तो यूपी के बड़े पदाधिकारियों को खुद-ब-खुद इस्तीफा दे देना चाहिए.