लखनऊ : हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या देवी को समर्पित है, उस दिन उस देवता या देवी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. उस दिन खास मंत्रों, चालीसा और विशेष पाठ करने से भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के संकट दूर करते हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. उस विशेष दिन के लिए खास ज्योतिषीय उपाय भी होते हैं, जिनको करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
आज बुधवार है और आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव छोटे पुत्र श्री गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है. आखिर गणेश जी की पूजा के लिए विशेष दिन के तौर पर बुधवार ही क्यों है. इसके बारे में जानने के लिए हमें गणेश जी की उत्पत्ति के समय की कथा जाननी जरुरी है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कृपा से जब श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे. बुध देव की उपस्थिति के कार श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया.
बुधवार की विशेषता
बुधवार को सौम्यवार भी कहा जाता है. बुधवार के दिन को श्री गणेश का दिन माना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन कोई भी काम शुरु करना शुभ होता है. जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होता है, उन्हें बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करनी चाहिए.
भगवान गणेश की दो पत्नियां और पुत्र
भगवान गणेश जी की दो पत्नियां हैं- रिद्धि और सिद्धि। गणेश जी को रिद्धि से क्षेम और सिद्धि से लाभ नाम के दो पुत्र हैं.