लखनऊ: गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी खजांची जय वाजपेयी की पुलिस अधिकारियों व नेताओं की करीबी और घटना के ठीक पहले जय वाजपेयी का लखनऊ आना कई सवाल खड़े कर रहा है. जय वाजपेयी से पूछताछ में यह बात निकलकर सामने आ रही है कि जय वाजपेयी 1 और 2 जुलाई को राजधानी लखनऊ आया था और लखनऊ आने के बाद वह कई पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं से मिला था.
जय वाजपेयी को लेकर यह चर्चाएं भी तेज हैं कि कानपुर के बिकरू कांड और विकास दुबे के एनकाउंटर की साजिश जय ने ही रची थी. विकास पर कार्रवाई के लिए जय ने किसी नेता से कानपुर एसएसपी को फोन कराया था, जिसके बाद पुलिस विकास दुबे के यहां दबिश देने गई. इन चर्चाओं के बीच सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने जय वाजपेयी के फोन लोकेशन और एसएसपी कानपुर के फोन कॉल की जांच की मांग की है.
जय वाजपेयी को लेकर चर्चाएं हैं कि उसने विकास दुबे पर कार्रवाई के लिए लखनऊ के किसी प्रभावी शख्स से कानपुर एसएसपी को फोन कराया था, जिसके बाद पुलिस विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने पहुंची थी. सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने बताया कि जय वाजपेयी 1 और 2 जुलाई को लखनऊ आया था. लखनऊ में उसने कई नेताओं व अनंत देव सहित कई पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी. नेता और अधिकारियों से मिलकर जय ने उन्हें राहुल तिवारी की घटना के बारे में बताकर विकास के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था.
नूतन ठाकुर ने बताया कि 2 जुलाई की रात 8.30 बजे एक प्रभावी अफसर द्वारा एसएसपी कानपुर नगर को फोन कर विकास दुबे पर कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे, जिस पर एसएसपी ने सीओ देवेन्द्र मिश्रा और अन्य को विकास पर कार्रवाई करने को कहा था. इसके बाद रात 11:52 बजे राहुल तिवारी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई.
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एफआइआर दर्ज करने के 26 मिनट बाद पुलिस फोर्स 2-3 जुलाई की रात विकास दुबे पर कार्रवाई के लिए निकली. बिकरू गांव पहुंचने पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.