लखनऊ : हर साल आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. इस बार आयुर्वेद दिवस 11 नवंबर को मनाया जाएगा. इसके लिए मुख्य सचिव स्वास्थ्य डीएस मिश्रा के निर्देश पर 10 नवंबर तक आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न आयोजन होंगे. लेकिन, यहां जानने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राचीन विधा आयुर्वेद हर व्यक्ति के किचन का हिस्सा है. हमारे किचन में ही लौंग, इलायची, दालचीनी, सोंठ, कालीमिर्च, अदरक आदि ऐसी तमाम चीजें हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी हैं.
आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ के टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बुधवार को एक सेमिनार का आयोजन हुआ. इसमें काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. माखनलाल ने बताया कि बाहरी भोजन, फाॅस्ट फूड आदि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं. घर के किचन में बना भोजन ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. सेमिनार में मेडिकल अफसर डाॅ. धर्मेंद्र कुमार, डाॅ. शची श्रीवास्तव, डाॅ. हरिश्चन्द्र कुशवाहा आदि भी रहे.
केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का काटा जा रहा वेतनः राज्य कर्मचारी संयुक्त कर्मचारी परिषद ने आरोप लगाया है कि केजीएमयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा का कहना है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में श्रम विभाग द्वारा लिए गए. निर्णय व निर्देश के क्रम में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को 26 दिवसों में कार्य करने पर पूरे माह का मानदेय प्रदान करने का प्रावधान है. साथ ही उसे साप्ताहिक अवकाश अनुमन्य होंगे, जिसके क्रम में चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति व वित्त अधिकारी की सहमति से कुलसचिव द्वारा पूर्व में आदेश भी निर्गत किए गए थे.
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में गुस्साः अतुल मिश्रा ने कहा कि बहुत खेद का विषय है कि समस्त शासनादेशों व आदेशों को संज्ञान मे लिए बिना डॉ. सुरेन्द्र कुमार, फैकल्टी इंचार्ज, एचआर, केजीएमयू, लखनऊ के द्वारा पत्र जारी कर केजीएमयू में विभिन्न सेवा प्रदाता एजेंसियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति से ही भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही उनके द्वारा मौखिक रूप से कहा गया है कि साप्ताहिक व राजपत्रित अवकाशों का भी वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा, जिसके चलते आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों में अधिक आक्रोश है.