लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के उमरिया गांव में शनिवार को किसानों के खेतों में आग लग गई. जिससे किसानों की डेढ़ सौ बीघे गेंहूं की फसल जलकर राख हो गई. फायर स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय करके जब तक दमकल मौके पर पहुंचा तब तक हवा के तेज झोंकों ने सब कुछ राख कर दिया था.
उमरिया गांव के पश्चिम में विश्रामपुर गांव के मध्य गेहूं के खेतों में शनिवार को करीब एक बजे आग लग गई. खेतों में आग की लपटें देखकर ग्रामीणों ने पेंड़ों की टहनियों और पंपिंग सेट चलाकर आग बुझाने की कोशिश की. लेकिन हवा के तेज झोंकों के कारण आग की लपटें आसमान छूने लगीं और देखते ही देखते आग ने सैकडों बीघे गेंहूं की फसल को पूरी तरह अपनी आगोश में ले लिया.
ग्रामीणों के मुताबिक विश्रामपुर के निकट वायरलेस में तैनात दरोगा एके सिंह का फार्म हाउस है. फार्म के नौकर ने बीड़ी पीकर फेंक दिया हवा तेज चलने की वजह से बींड़ी की चिंगारी आग की लपटों में तब्दील हो गई. ग्रामीणों की सूचना पर छठामील स्थित बीकेटी फायर स्टेशन से जब तक आग बुझाने की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची तब तक करीब डेढ़ सौ बीघे गेहूं की फसल जलकर राख हो चुकी थी.
इसी बीच ग्रामीणों ने फार्म के एक नौकर रामधार को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी इसकी सूचना पर पहुंचे डायल 100 के पुलिसकर्मियों से ग्रामीण उलझ गये. इटौंजा के इंस्पेक्टर महेश चंद और बीकेटी के इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराया.
एसडीएम प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि तहसीलदार को फसल नुकसान का आकलन कराने के निर्देश दिये हैं. आकलन रिपोर्ट के आधार ओर किसानों को क्षतिपूर्ति की रकम दी जायेगी.