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लॉकडाउन में छूट मिलते ही शादियों की बाढ़ - कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए शादी समारोह

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शादी समारोहों की बाढ़ सी आ गई है. लॉकडाउन में जैसी ही छूट मिली, तो लोग जल्द से जल्द शादी समारोह पूरे करने की होड़ में लग गए.

शादी समारोह
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Published : Dec 1, 2020, 3:59 AM IST

Updated : Dec 1, 2020, 12:56 PM IST

लखनऊः देवोत्थानी एकादशी के साथ ही विवाह आयोजनों का दौर शुरू हो गया है. इस वर्ष मार्च के आखिरी से लॉकडाउन लगने की वजह से तमाम परिवारों में बेटे-बेटियों का विवाह स्थगित करना पड़ा था. अब लोगों को इस मामले में कुछ सीमित मेहमानों के साथ ही विवाह आयोजनों की छूट मिली है.

विवाह आयोजनों का दौर शुरू
हजारों शादी समारोह
मार्च में लॉकडाउन के कारण शादी समारोह रुक गए थे. कुछ लोगों ने घर पर ही मात्र औपचारिकता के साथ शादी की तो अधिकतर ने शादी समारोह स्थगित कर दिए. बाद में देश धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ा लेकिन चातुर्मास की वजह से शादी जैसे आयोजन नहीं किए जा सकते थे. अब देवोत्थानी एकादशी के साथ ही शादी के लिए लग्न शुरु हो गए. कोरोना गाइड लाइन पालन करते हुए समारोह की भी छूट है. लोग अच्छा मुहूर्त मिलते ही अपने बेटे-बेटियों की शादी कर रहे हैं.
कई माह के इंतजार के बाद जब मौका मिला तो शादियों की बाढ़ सी आ गई है. सोमवार को राजधानी लखनऊ में हजारों की संख्या में शादियां हुई हैं. विवाह समारोह में शामिल आदित्य शुक्ला कहते हैं कि मार्च के बाद से ही शादी जैसे बड़े आयोजन नहीं किये जा सके. लंबे इंतजार के बाद शादियां हो पा रही हैं।.कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आयोजन चुनौतीपूर्ण है लेकिन दोनों जरूरी है. इसलिए अब हम लोगों के घरों में शादी हो रही है. कोविड प्रोटोकाल का पालन भी किया जा रहा है, ताकि सभी सुरक्षित रहें.

वहीं रघुवंश मणि बाजपेई ने बताया कि उनके घर में छह माह पूर्व शादी की तिथि तय थी. लॉकडाउन के दौरान शादी स्थगित करनी पड़ी. अब शादी की जा रही है. कोरोना प्रोटोकॉल के साथ शादी करने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम अपने सभी रिश्तेदारों और करीबियों को आयोजन में नहीं बुला पा रहे हैं. संख्या निर्धारित होने की वजह से बहुत कम लोगों को ही समारोह में बुलाने का मौका मिला है.

लखनऊः देवोत्थानी एकादशी के साथ ही विवाह आयोजनों का दौर शुरू हो गया है. इस वर्ष मार्च के आखिरी से लॉकडाउन लगने की वजह से तमाम परिवारों में बेटे-बेटियों का विवाह स्थगित करना पड़ा था. अब लोगों को इस मामले में कुछ सीमित मेहमानों के साथ ही विवाह आयोजनों की छूट मिली है.

विवाह आयोजनों का दौर शुरू
हजारों शादी समारोह
मार्च में लॉकडाउन के कारण शादी समारोह रुक गए थे. कुछ लोगों ने घर पर ही मात्र औपचारिकता के साथ शादी की तो अधिकतर ने शादी समारोह स्थगित कर दिए. बाद में देश धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ा लेकिन चातुर्मास की वजह से शादी जैसे आयोजन नहीं किए जा सकते थे. अब देवोत्थानी एकादशी के साथ ही शादी के लिए लग्न शुरु हो गए. कोरोना गाइड लाइन पालन करते हुए समारोह की भी छूट है. लोग अच्छा मुहूर्त मिलते ही अपने बेटे-बेटियों की शादी कर रहे हैं.
कई माह के इंतजार के बाद जब मौका मिला तो शादियों की बाढ़ सी आ गई है. सोमवार को राजधानी लखनऊ में हजारों की संख्या में शादियां हुई हैं. विवाह समारोह में शामिल आदित्य शुक्ला कहते हैं कि मार्च के बाद से ही शादी जैसे बड़े आयोजन नहीं किये जा सके. लंबे इंतजार के बाद शादियां हो पा रही हैं।.कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आयोजन चुनौतीपूर्ण है लेकिन दोनों जरूरी है. इसलिए अब हम लोगों के घरों में शादी हो रही है. कोविड प्रोटोकाल का पालन भी किया जा रहा है, ताकि सभी सुरक्षित रहें.

वहीं रघुवंश मणि बाजपेई ने बताया कि उनके घर में छह माह पूर्व शादी की तिथि तय थी. लॉकडाउन के दौरान शादी स्थगित करनी पड़ी. अब शादी की जा रही है. कोरोना प्रोटोकॉल के साथ शादी करने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम अपने सभी रिश्तेदारों और करीबियों को आयोजन में नहीं बुला पा रहे हैं. संख्या निर्धारित होने की वजह से बहुत कम लोगों को ही समारोह में बुलाने का मौका मिला है.

Last Updated : Dec 1, 2020, 12:56 PM IST
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