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लखनऊ: सिविल अस्पताल की वेबसाइट हैक, बनाया 15 साल पहले मृत महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

यूपी की राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में वेबसाइट हैक कर फर्जी मृत्यु प्रमाण जारी करने का मामला सामने आया है. जिस महिला का प्रमाण पत्र जारी किया गया है, उसकी मृत्यु 15 साल पहले हो चुकी है.

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सिविल अस्पताल की वेबसाइट हैक
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Published : Feb 6, 2020, 11:24 PM IST

लखनऊ: राजधानी के सिविल अस्पताल में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है. हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके 15 साल पहले मृत हुई महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया. इस पूरे मामले पर सिविल अस्पताल ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.

सिविल अस्पताल की वेबसाइट हैक
सिविल अस्पताल की सरकारी वेबसाइट हैक कर साइबर अपराधियों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो अफसरों के होश उड़ गए. आनन-फानन में सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया गया. अस्पताल प्रशासन ने वेबसाइट का पासवर्ड बदल कर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेजी है. अस्पताल प्रशासन ने मामले की एफआईआर कराने के साथ ही साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज कराई है.

सिविल अस्पताल में ऑनलाइन सिस्टम से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं. इसके लिए सरकारी वेबसाइट के जरिये आवेदन लिया जाता है. यहां सभी मेडिकल सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन जारी होते हैं. जानकारी के अनुसार फूल बाग कॉलोनी कुर्सी रोड निवासी निर्मला देवी का देहांत 2005 में हो गया था, लेकिन हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना डाला.

इसे भी पढ़ें- रणजीत बच्चन हत्याकांड: पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने किया खुलासा, दूसरी पत्नी स्मृति घटना की मास्टर मांइड

कर्मचारियों का रिकॉर्ड मिलाते वक्त पूरा मामला सामने आया. जब वेबसाइट हैक कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने की भनक लगी तो हड़कंप मच गया. अस्पताल में मौतों का रिकॉर्ड खंगाला जिसमें उक्त महिला का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला. वेबसाइट पर अपलोड नंबर से पता चला कि महिला की मौत 15 साल पहले हो चुकी है.

लखनऊ: राजधानी के सिविल अस्पताल में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है. हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके 15 साल पहले मृत हुई महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया. इस पूरे मामले पर सिविल अस्पताल ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.

सिविल अस्पताल की वेबसाइट हैक
सिविल अस्पताल की सरकारी वेबसाइट हैक कर साइबर अपराधियों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो अफसरों के होश उड़ गए. आनन-फानन में सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया गया. अस्पताल प्रशासन ने वेबसाइट का पासवर्ड बदल कर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेजी है. अस्पताल प्रशासन ने मामले की एफआईआर कराने के साथ ही साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज कराई है.

सिविल अस्पताल में ऑनलाइन सिस्टम से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं. इसके लिए सरकारी वेबसाइट के जरिये आवेदन लिया जाता है. यहां सभी मेडिकल सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन जारी होते हैं. जानकारी के अनुसार फूल बाग कॉलोनी कुर्सी रोड निवासी निर्मला देवी का देहांत 2005 में हो गया था, लेकिन हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना डाला.

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कर्मचारियों का रिकॉर्ड मिलाते वक्त पूरा मामला सामने आया. जब वेबसाइट हैक कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने की भनक लगी तो हड़कंप मच गया. अस्पताल में मौतों का रिकॉर्ड खंगाला जिसमें उक्त महिला का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला. वेबसाइट पर अपलोड नंबर से पता चला कि महिला की मौत 15 साल पहले हो चुकी है.

Intro:



राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस पूरे मामले में हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके 15 साल पहले मृत महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया।अब इस पूरे मामले पर सिविल अस्पताल ने कार्यवाही करते हुएमामले पर एफ आई आर दर्ज कराई है।




Body:सिविल अस्पताल के सरकारी वेबसाइट हैक कर साइबर अपराधियों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। मामले का खुलासा हुआ तो अफसरों के होश उड़ गए ,आनन-फानन सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया गया।अस्पताल प्रशासन ने वेबसाइट का पासवर्ड बदल कर।इसकी सूचना स्वास्थ विभाग को भेजी है ।मामले की रिपोर्ट कराने को तहरीर के साथ साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई है।तो वहीं अब इस पूरे मामले पर सिविल अस्पताल के निदेशक के अनुसार एफ आई आर दर्ज करा दी गई है। सिविल अस्पताल में दरअसल ऑनलाइन सिस्टम से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते। इसके लिए सरकारी वेबसाइट के जरिये आवेदन लिया जाता है। सभी मेडिकल सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन जारी होते हैं।जानकारी के अनुसार फूल बाग कॉलोनी कुर्सी रोड निवासी निर्मला देवी का देहांत 2005 में हो गया था।लेकिन हैकरों ने सिविल अस्पताल की वेबसाइट को हैक करके फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना डाला साथ ही सॉफ्टवेयर में भी सेंधमारी कर डाली।कर्मचारियों का रिकॉर्ड मिलाते वक्त पूरा मामला सामने आया। साइट हैक कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की भनक लगी तो हड़कंप मच गया। अस्पताल में मौतों का रिकॉर्ड खंगाला तो महिला का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। वेबसाइट पर अपलोड नंबर से पता चला कि महिला की मौत 15 साल पहले हो चुकी है। अस्पताल में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र वेबसाइट का पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन की तरफ स्वास्थ्य विभाग जानकारी दी गई है।तो वहीं पर एफ आई आर दर्ज करा दी गई है।

बाइट- डॉ डीएस नेगी निदेशक सिविल अस्पताल




Conclusion:हालांकि सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा पूरे मामले पर एफ आई आर दर्ज कर दी गई है।अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इन्हें हैकरों पर क्या पुलिस कार्यवाही कर पाएगी?

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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