लखनऊ : मिर्जापुर के शहरवासियों को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को घरों से निकलने वाले सीवरेज और उससे फैलने वाले वायु व भूगर्भ जल प्रदूषण से मुक्ति की सबसे बड़ी सौगात दी. उन्होंने नगर पालिका चुनार परिसर में नवनिर्मित 10 केएलडी क्षमता के मल एवं गाद शोधन संयंत्र (एफएसटीपी) का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि गंगा किनारे स्थित निकायों में मल एवं गाद शोधन के लिए नममि गंगे की ओर से वित्त पोषित यह पहला प्रयास है. इस संयंत्र के चालू होने से मिर्जापुर में रहने वाली लाखों की अधिक आबादी को उनके घरों से निकलने वाले सीवरेज का ट्रीटमेंट कर उससे सिंचाई योग्य पानी और फसलों के लिए खाद बनाई जाएगी. लोकार्पण कार्यक्रम में उनके साथ चुनार विधायक अनुराग सिंह, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के एपीडी प्रवीण मिश्र, एडीएम नमामि गंगे अमरेन्द्र वर्मा, पीएमसी के अधिकारी, जल निगम के अधिकारी, आईएसए कार्यकर्ता, पानी समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे.
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि गंगा किनारे स्थित निकायों को गंदगी और प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के अभियान का प्रयास रंग लाएगा। मिर्जापुर के लोगों को बीमारी से मुक्ति मिलने के साथ स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता को सुनिश्चित करने का दायित्व राज्य स्वच्छ गंगा मिशन को सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि लोग बीमार न हों इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के तहत सभी घरों तक शौचालय पहुंचाए. नदियों की सफाई का जिम्मा उठाया, ग्रामीण परिवारों तक हर घर जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना शुरू की.
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में ग्रामीणों और जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम तेज गति से किया जा रहा है. मिर्जापुर का एफएसटीपी प्लांट भी इसी प्रयास का एक हिस्सा है. इस प्लांट से निकलने वाले लिक्विड वेस्ट का इस्तेमाल फसलों की सिंचाई में किया जा सकेगा. खाद भी बनाई जाएगी. एफएसटीपी शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा. इससे पहले जल शक्ति मंत्री ने नगर पालिका में कार्यरत पांच सफाईकर्मियों व सीवरेज को प्लांट तक लाने वाले वाहन चालकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने प्लांट का निरीक्षण किया और यहां के संचालन की प्रक्रिया को समझा. जल जीवन मिशन के तहत एफटीके महिलाओं ने उनको जल परीक्षण कर प्रक्रिया की पूरी जानकारी भी दी. इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधा भी रोपा.
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