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बारिश ने खोली नगर निगम की पोल, CM आवास के पास ही जलभराव से लोग हुए बेहाल

लखनऊ में मंगलवार हो हुई बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया. शहर के पॉश इलाके से लेकर निचले हिस्सों में भारी जलभराव ने नगर निगम की पोल खोलकर रख दी. ये हाल तब है जब नगर निगम लाखों रुपये खर्च कर नाले और नालियों की सफाई का दावा करता है.

लखनऊ शहर में जलभराव
लखनऊ शहर में जलभराव
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Published : Jul 20, 2021, 11:01 PM IST

लखनऊ: राजधानी में मंगलवार को हुई बारिश ने नगर निगम की तैयारियों और दावों की पोल खोल कर रख दी. ज्यादातर इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई. कई इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया. यह हाल तब है, जब नगर निगम लाखों रुपये खर्च कर नाले और नालियों की सफाई का दावा किया था.


मंगलवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश शाम तक रुक-रुककर जारी रही. करीब चार घंटे की बारिश ने शहर को बेहाल कर दिया. महज चंद घंटों की बारिश ने लखनऊ नगर निगम के सारे दावे हवा में उड़ा दिए. हालांकि, लोगों ने उमस से राहत तो ली, पर सड़कों-गलियों में भरे पानी ने नगर पालिका की नाला सफाई पूर्ण करने के दावे पर सवाल उठा दिए. मुख्यमंत्री आवास के करीब सिविल अस्पताल के सामने पानी दरिया-दरिया हो गया. डालीगंज अंडरपास, केडी सिंह स्टेडियम के आसपास जगह-जगह जलभराव देखने को मिला. जनेश्वर मिश्र पार्क के पास गोमती नगर और गोमती नगर विस्तार को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क पर जलभराव के कारण लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया. आलम यह है कि शहर के बड़े हिस्से में जलभराव की शिकायतें आईं. शहर के बीचों बीच नाव चलने भर का पानी भरा था. जगह-जगह सड़कें लबालब थीं. लोगों के घरों में पानी भरा गया. तेज बारिश और जलभराव के कारण यातायात भी बाधित रहा.

लखनऊ शहर में जलभराव

इसे भी पढे़ं-4 घंटे की बारिश से खीरी पानी-पानी, पंप सेट लगाकर राहत देने की तैयारी


राजधानी में मानसून अभी ठीक तरीके से पहुंचा नहीं है. इससे पहले ही नगर निगम सवालों के घेरे में खड़ा गया है. आरोप लग रहे हैं कि नालों की सफाई और दूसरे काम सिर्फ कागजों पर हुए हैं. इनके नाम पर अफसरों ने लाखों रुपये की हेराफेरी की है, जिसमें विभाग के कई उच्चाधिकारी भी शामिल हैं. इसी का नतीजा है कि जरा सी बारिश में शहर पानी-पानी हो गया. ये हाल तब है, जब नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन राजधानी के रहने वाले हैं. लगातार उनकी ओर से स्थिति को बेहतर बनाने के दावे तक किए जा रहे हैं.

लखनऊ: राजधानी में मंगलवार को हुई बारिश ने नगर निगम की तैयारियों और दावों की पोल खोल कर रख दी. ज्यादातर इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई. कई इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया. यह हाल तब है, जब नगर निगम लाखों रुपये खर्च कर नाले और नालियों की सफाई का दावा किया था.


मंगलवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश शाम तक रुक-रुककर जारी रही. करीब चार घंटे की बारिश ने शहर को बेहाल कर दिया. महज चंद घंटों की बारिश ने लखनऊ नगर निगम के सारे दावे हवा में उड़ा दिए. हालांकि, लोगों ने उमस से राहत तो ली, पर सड़कों-गलियों में भरे पानी ने नगर पालिका की नाला सफाई पूर्ण करने के दावे पर सवाल उठा दिए. मुख्यमंत्री आवास के करीब सिविल अस्पताल के सामने पानी दरिया-दरिया हो गया. डालीगंज अंडरपास, केडी सिंह स्टेडियम के आसपास जगह-जगह जलभराव देखने को मिला. जनेश्वर मिश्र पार्क के पास गोमती नगर और गोमती नगर विस्तार को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क पर जलभराव के कारण लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया. आलम यह है कि शहर के बड़े हिस्से में जलभराव की शिकायतें आईं. शहर के बीचों बीच नाव चलने भर का पानी भरा था. जगह-जगह सड़कें लबालब थीं. लोगों के घरों में पानी भरा गया. तेज बारिश और जलभराव के कारण यातायात भी बाधित रहा.

लखनऊ शहर में जलभराव

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राजधानी में मानसून अभी ठीक तरीके से पहुंचा नहीं है. इससे पहले ही नगर निगम सवालों के घेरे में खड़ा गया है. आरोप लग रहे हैं कि नालों की सफाई और दूसरे काम सिर्फ कागजों पर हुए हैं. इनके नाम पर अफसरों ने लाखों रुपये की हेराफेरी की है, जिसमें विभाग के कई उच्चाधिकारी भी शामिल हैं. इसी का नतीजा है कि जरा सी बारिश में शहर पानी-पानी हो गया. ये हाल तब है, जब नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन राजधानी के रहने वाले हैं. लगातार उनकी ओर से स्थिति को बेहतर बनाने के दावे तक किए जा रहे हैं.

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