लखनऊ : शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति को लेकर लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में जमकर खेल हुआ है. जिसमें पहले तो कब्जे किए गए औऱ उसके बाद उन जमीनों पर अवैध निर्माण भी हुए. वक्फ संपत्ति के नाम पर पदाधिकारियों ने समय-समय पर वारे न्यारे किए हैं.अल्पसंख्यक एवं वक्फ विभाग के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी का दावा है कि जांच के बाद अगले एक महीने में इस घालमेल का खुलासा हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड की कब्जा की गई संपत्तियों पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. योगी सरकार ने प्रदेश के वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच का आदेश दिया है. आदेश में कहा गया है कि एक माह के भीतर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजी जाए. हर जिले के डीएम को कहा गया है कि वे अपने अपने जिले में राजस्व अभिलेख में दर्ज वक्फ भूमि का सर्वे कराकर रजिस्टर को अपडेट करें. आदेश में यह हिदायत दी गई है कि प्रदेश के सभी जनपदों में वक्फ बोर्ड की जमीन को उसके वक्फ के नाम से राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जाए. इस आदेश के बाद पर अधिकारी जांच के बाद वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का पूरा विवरण शासन को उपलब्ध कराएंगे. इस जांच के बाद वक्फ संपत्ति के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.
भारत सरकार के सामने आई हैं अहम गड़बड़ियां : भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की वक्फ एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर वक्फ संपत्तियों की वर्तमान स्थिति के बारे में ब्योरा दर्ज है. वेबसाइट के मुताबिक, 22 सितंबर 2022 तक देशभर के 32 वक़्फ़ बोर्डों की कुल 8,56,470 दर्ज अचल संपत्तियों में से 56,588 पर ग़ैर-क़ानूनी कब्जा (illegally occupied Waqf board property ) है. आशंका जताई जा रही है कि अवैध कब्जे का आंकड़ा इससे कई गुना अधिक हो सकता है, क्योंकि वक्फ एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ़ इंडिया के पास 4,35,259 संपत्तियों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
आरटीआई में सामने आई अहम जानकारियां : सेंट्रल वक्फ काउंसिल (central waqf council ) ने भी 20 जुलाई, 2020 को आरटीआई के तहत अवैध कब्जों के बारे में जानकारी दी थी. काउंसिल के मुताबिक़ देश में 18,259 वक्फ संपत्तियों के साथ-साथ 31,594 एकड़ ज़मीन पर भी अवैध कब्जा है. आरटीआई की जानकारी यह भी बताती है कि 1342 वक्फ संपत्तियों के साथ-साथ 31,594 एकड़ भूमि पर सरकारी विभागों या एजेंसियों का कब्जा है. आरटीआई से मिले इन आंकड़ों में गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आंकड़े शामिल नहीं हैं.
यूपी ने जारी किया है शासनादेश : इस बारे में उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं वक्फ विभाग के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ( ( Minister Danish Azad anasari ) ने बताया कि यूपी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे के संबंध में शासनादेश जारी किया. इसके तहत 7 अप्रैल 1989 से लेकर अब तक यानी पिछले 33 साल में वक्फ बोर्ड की बंजर और ऊसर जमीन का रिकॉर्ड नहीं दर्ज किया गया. अब उनका ब्योरा जुटाया जाएगा. उत्तर प्रदेश वक्फ अधिनियम 1960 को लागू करते हुए वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा. इस रिकॉर्ड में कब्रिस्तान, मस्जिद, ईदगाह जैसी संपत्तियां सही स्थिति में दर्ज हैं.
लखनऊ में सुप्पा का कब्रिस्तान वक्फ सम्पत्ति है. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जाफरयाब जिलानी इसके मुतवल्ली रहे हैं. यहां अवैध रूप से दुकानों का निर्माण किया गया था. जिनके खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की थी. इसी तरह से मस्जिद की आड़ में व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण किया गया था. विकासनगर कुर्सी रोड ठाकुरगंज हरदोई रोड नखास अकबरी गेट मौलवीगंज कैसरबाग सहादतगंज शहर के अधिकांश इलाकों में वक्फ संपत्तियों की आड़ में जमकर अवैध निर्माण किए गए, जिनका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड दोनों में ही इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.
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