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...भ्रष्टाचार के दीमक से दरकने लगी बसपा शासन काल में बने स्मारकों की दीवारें - walls of ambedkar monument of lucknow started cracking down

साल 2007 में बसपा सरकार बनने के बाद मायावती ने लखनऊ और नोएडा में कई स्मारकों का निर्माण कराया. लखनऊ में अंबेडकर स्मारक में जिन महंगे पत्थरों को लगाने के दौरान यह दावा किया गया था कि इससे स्मारक की उम्र लंबी हो जाएगी और सालों साल तक मरम्मत की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, वह अब कई जगह से टूटते दिखाई दे रहे हैं.

अंबेडकर स्मारक की दरकनें लगीं दीवारें.
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Published : Jun 6, 2019, 9:30 AM IST

लखनऊ: बसपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच करने वाले लोकायुक्त ने इसमें 14 अरब से ज्यादा का घोटाला होना बताया था, लेकिन महज 10 साल के अंदर ही स्मारकों की दरकती दीवारें साफ चुगली कर रही हैं कि घोटाला और ज्यादा बड़ा है.

अंबेडकर स्मारक की दरकनें लगीं दीवारें.

क्या है पूरा मामला

  • राजधानी में अंबेडकर स्मारक के पास से गुजरने पर बाहरी दीवारों से लेकर अंदर तक हर जगह घटिया निर्माण के सुबूत दिखाई देते हैं.
  • जिन महंगे पत्थरों को लगाने के दौरान यह दावा किया गया था कि इससे स्मारक की उम्र लंबी हो जाएगी और सालों साल तक मरम्मत की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, वह अब कई जगह से टूटे हुए हैं.
  • टूटी दीवारें यह साफ बयां कर रही हैं कि निर्माण के दौरान इंजीनियरों ने किस तरह से गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.
  • पैसों के लालच में इंजीनियरों ने घटिया निर्माण कराया, जो स्मारकों की सुंदरता बिगाड़ रहा है.
  • उत्तर प्रदेश सरकार स्मारक समिति के कामकाज का निरीक्षण और नियंत्रण करने वाली संस्था लखनऊ विकास प्राधिकरण का मानना है कि स्मारकों के रखरखाव में पूरी तत्परता बरती जा रही है.

स्मारकों के रख-रखरखाव के लिए सतत कार्रवाई की जा रही है. जहां-जहां कमियां पाई गई हैं, समिति काम कर रही है. जहां भी कमी मिलती है, हम ठीक कराते रहते हैं. जिस कार्यदायी संस्था ने इस निर्मित किया है, उसी से हम इसके रखरखाव और मरम्मत का काम कराते हैं.

-एमपी सिंह, सचिव,

लखनऊ विकास प्राधिकरण

स्मारक घोटाला: एक नजर में

  • 2007 में बसपा सरकार बनने के बाद मायावती ने लखनऊ और नोएडा में कई स्मारकों का निर्माण कराया .
  • 2013 में सपा सरकार बनने के बाद लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने स्मारक निर्माण की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी और बताया कि इसमें 14 अरब से ज्यादा का घोटाला हुआ है .
  • 2014 में विजिलेंस टीम ने गोमती नगर थाने में बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के खिलाफ एफआईआर हुई है.
  • हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने स्मारक निर्माण से जुड़े कई इंजीनियरों के यहां छापेमारी की है.
  • लोकायुक्त ने स्मारक घोटाले में दो पूर्व मंत्री, दो विधायक, दो पूर्व विधायक, 5 माइनिंग अफसर, 62 इंजीनियर, 60 मार्बल सप्लायर, 73 अकाउंटेंट समेत 199 लोगों को आरोपी माना है.
  • लोकायुक्त ने पूर्व मंत्री पूर्व नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा से 30-30% और सीपी सिंह से 15% धनराशि वसूल करने का सुझाव दिया है.
  • स्मारकों के निर्माण पर बसपा सरकार में 41 अरब 48 करोड़ रुपए खर्च हुए.

बने स्मारक

अंबेडकर स्मारक, परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बुद्ध उपवन, इको पार्क, नोएडा का अंबेडकर पार्क, रमाबाई अंबेडकर मैदान और स्मृति उपवन.

प्रदेश सरकार की स्मारक समिति में लगभग 6000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. समिति के कामकाज और रखरखाव के लिए बसपा शासनकाल में ही बजट का प्रावधान किया गया था. हर साल कर्मचारियों के वेतन भुगतान मद में लगभग 190 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं.

लखनऊ: बसपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच करने वाले लोकायुक्त ने इसमें 14 अरब से ज्यादा का घोटाला होना बताया था, लेकिन महज 10 साल के अंदर ही स्मारकों की दरकती दीवारें साफ चुगली कर रही हैं कि घोटाला और ज्यादा बड़ा है.

अंबेडकर स्मारक की दरकनें लगीं दीवारें.

क्या है पूरा मामला

  • राजधानी में अंबेडकर स्मारक के पास से गुजरने पर बाहरी दीवारों से लेकर अंदर तक हर जगह घटिया निर्माण के सुबूत दिखाई देते हैं.
  • जिन महंगे पत्थरों को लगाने के दौरान यह दावा किया गया था कि इससे स्मारक की उम्र लंबी हो जाएगी और सालों साल तक मरम्मत की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, वह अब कई जगह से टूटे हुए हैं.
  • टूटी दीवारें यह साफ बयां कर रही हैं कि निर्माण के दौरान इंजीनियरों ने किस तरह से गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.
  • पैसों के लालच में इंजीनियरों ने घटिया निर्माण कराया, जो स्मारकों की सुंदरता बिगाड़ रहा है.
  • उत्तर प्रदेश सरकार स्मारक समिति के कामकाज का निरीक्षण और नियंत्रण करने वाली संस्था लखनऊ विकास प्राधिकरण का मानना है कि स्मारकों के रखरखाव में पूरी तत्परता बरती जा रही है.

स्मारकों के रख-रखरखाव के लिए सतत कार्रवाई की जा रही है. जहां-जहां कमियां पाई गई हैं, समिति काम कर रही है. जहां भी कमी मिलती है, हम ठीक कराते रहते हैं. जिस कार्यदायी संस्था ने इस निर्मित किया है, उसी से हम इसके रखरखाव और मरम्मत का काम कराते हैं.

-एमपी सिंह, सचिव,

लखनऊ विकास प्राधिकरण

स्मारक घोटाला: एक नजर में

  • 2007 में बसपा सरकार बनने के बाद मायावती ने लखनऊ और नोएडा में कई स्मारकों का निर्माण कराया .
  • 2013 में सपा सरकार बनने के बाद लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने स्मारक निर्माण की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी और बताया कि इसमें 14 अरब से ज्यादा का घोटाला हुआ है .
  • 2014 में विजिलेंस टीम ने गोमती नगर थाने में बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के खिलाफ एफआईआर हुई है.
  • हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने स्मारक निर्माण से जुड़े कई इंजीनियरों के यहां छापेमारी की है.
  • लोकायुक्त ने स्मारक घोटाले में दो पूर्व मंत्री, दो विधायक, दो पूर्व विधायक, 5 माइनिंग अफसर, 62 इंजीनियर, 60 मार्बल सप्लायर, 73 अकाउंटेंट समेत 199 लोगों को आरोपी माना है.
  • लोकायुक्त ने पूर्व मंत्री पूर्व नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा से 30-30% और सीपी सिंह से 15% धनराशि वसूल करने का सुझाव दिया है.
  • स्मारकों के निर्माण पर बसपा सरकार में 41 अरब 48 करोड़ रुपए खर्च हुए.

बने स्मारक

अंबेडकर स्मारक, परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बुद्ध उपवन, इको पार्क, नोएडा का अंबेडकर पार्क, रमाबाई अंबेडकर मैदान और स्मृति उपवन.

प्रदेश सरकार की स्मारक समिति में लगभग 6000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. समिति के कामकाज और रखरखाव के लिए बसपा शासनकाल में ही बजट का प्रावधान किया गया था. हर साल कर्मचारियों के वेतन भुगतान मद में लगभग 190 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं.

Intro:फीड एफटीपी से जा रही है।

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लखनऊ. बसपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच करने वाले लोकायुक्त 14 अरब से ज्यादा का घोटाला बताया था लेकिन महज 10 साल के अंदर ही स्मारकों की दरकती दीवारें साफ चुगली कर रही हैं कि घोटाला और ज्यादा बड़ा है।


Body:लखनऊ में अंबेडकर स्मारक के पास से अगर आप गुजरे तो बाहरी दीवारों से लेकर अंदर तक हर जगह घटिया निर्माण के सुबूत मुंह फैलाये हुए दिखाई दे जाएंगे। जिन महंगे पत्थरों को लगाने के दौरान यह दावा किया गया था कि इससे स्मारक की उम्र लंबी हो जाएगी और सालों साल तक मरम्मत की जरूरत भी नहीं पड़ेगी अब कई जगह टूटे हुए पत्थर, दीवारें और स्मारक के महत्वपूर्ण हिस्से लोगों को साफ बयां कर रहे हैं कि निर्माण के दौरान इंजीनियरों ने किस तरह से गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। पैसे के लालच में घटिया निर्माण कराया गया जो स्मारकों की सुंदरता बिगाड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार स्मारक समिति के कामकाज का निरीक्षण और नियंत्रण करने वाली संस्था लखनऊ विकास प्राधिकरण का मानना है कि स्मारकों के रखरखाव में पूरी तत्परता बरती जा रही है रखरखाव के लिए जो भी आवश्यक निर्माण हैं उन्हें पूरा कराया जा रहा है।

बाइट/ एमपी सिंह सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण
प्रदेश सरकार की स्मारक समिति में लगभग 6000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं समिति के कामकाज और रखरखाव के लिए बसपा शासनकाल में ही बजट का प्रावधान किया गया था हर साल कर्मचारियों के वेतन भुगतान मद में लगभग 190 करोड रुपए खर्च किए जाते हैं। प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो स्मारकों के निर्माण की गुणवत्ता को देखते हुए शुरुआती वर्षों में रखरखाव के लिए ऐसा बजट नहीं टूट-फूट या मरम्मत के लिए इस्तेमाल हो सके उत्तर प्रदेश सरकार ने अब 25 करोड़ रुपया निर्धारित किया है।

स्मारक घोटाला एक नजर में

2007 में बसपा सरकार बनने के बाद मायावती ने लखनऊ और नोएडा में कई स्मारकों का निर्माण कराया .
-2013 में सपा सरकार बनने के बाद लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने स्मारक निर्माण की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी और बताया कि 14 अरब से ज्यादा का घोटाला हुआ है .

-2014 में विजिलेंस टीम ने गोमती नगर थाने में एफ आई आर दर्ज कराई बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के खिलाफ f.i.r. हुई।

- हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने स्मारक निर्माण से जुड़े कई इंजीनियरों की छापेमारी की है।

- लोकायुक्त ने स्मारक घोटाले में दो पूर्व मंत्री दो विधायक दो पूर्व विधायक 5 माइनिंग अफसर 62 इंजीनियर 60 मार्बल सप्लायर 73 अकाउंटेंट समेत 199 लोगों को आरोपी माना है।

- लोकायुक्त ने पूर्व मंत्री पूर्व नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा से 30 30% और सीपी सिंह से 15% धनराशि वसूल करने का सुझाव दिया है।

- स्मारकों के निर्माण पर बसपा सरकार में 41 अरब 48 करोड़ रुपए खर्च हुए।
- स्मारक जो बने : अंबेडकर स्मारक, परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बुद्ध उपवन, इको पार्क, नोएडा का अंबेडकर पार्क, रमाबाई अंबेडकर मैदान और स्मृति उपवन।





Conclusion:पीटीसी /अखिलेश तिवारी
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