लखनऊ : व्योम अहूजा के माता-पिता अपने दो साल के बेटे के लिए वर्ल्ड मैप का पजल लेकर आए थे. 100 पीसेज के पजल को बच्चे ने सही-सही लगा दिया. यहीं से व्योम के रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला शुरू हो गया. अब 13 साल के हो चुके व्योम के पास 16 इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस (मेमोरी) है. इसके साथ ही बांसुरी, डॉम्बिक (मिस्त्र का वाद्य यंत्र), सिंथेसाइजर (ब्लाइंड फोल्ड होकर भी), ड्रम और गिटार भी बजाते हैं.
राष्ट्रपति द्वारा बच्चों को उनकी विशेष उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इसी क्रम में बुधवार को 13 वर्षीय मास्टर व्योम आहूजा को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने वर्ष 2021 का राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देकर जिलाधिकारी कार्यालय में सम्मानित किया. व्योम ने बताया कि उसे भारतीय कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है. वह बांसुरी और ड्रम बजाते हैं और 13 साल की उम्र में ही उन्होंने बांसुरी में विशारद की उपाधि हासिल की है. व्योम ने बांसुरी वादन में कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जीते हैं.
व्योम को वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से चेस एलगोर्थिस्म में उन्हें ग्रांड मास्टर का अवॉर्ड मिला है. लॉक डाउन के दौरान व्योम ने चार बार गीता पढ़ी. जिससे प्रेरित होकर उन्होंने कुरुक्षेत्र रणभूमि नामक बोर्ड गेम बनाया है. जिसका कॉपी राइट भी मिल चुका है. व्योम ने नौ साल की आयु में मकाउ में बंगी जम्पिंग प्रतियोगिता के तहत सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने का रिकॉर्ड बनाया है. इन सभी के अलावा व्योम ने अन्य कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं.