लखनऊ: ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा ई-चालान किए जा रहे हैं. राजधानी में इन दिनों ई-चालान किया जा रहा है. इसके चलते काफी संख्या में वाहनों के चालान मामले लंबित चल रहे हैं. इन मामलों के जल्द निपटारे के लिए अब वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की जाएगी. इसके स्थापित होने से वाहन मालिकों को विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और घर बैठे ही जुर्माने की राशि जमा कर ली जाएगी. इस प्रकार इसका मकसद समय और साधन की बचत के साथ आर्थिक बचत भी करना है.
प्रयागराज और लखनऊ में वर्चुअल कोर्ट स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. एनआईसी के द्वारा वर्चुअल कोर्ट नाम का एक ऐप विकसित किया गया है. यह ऐप ई-चालान पोर्टल के साथ-साथ ट्रेजरी ऐप से भी जोड़ा गया है. जैसे ही यातायात पुलिस नियमों का उल्लंघन करने पर किसी शख्स का ई-चालान करती है, उसका पूरा विवरण वर्चुअल कोर्ट ऐप पर चला जाएगा. निर्धारित अवधि में यातायात पुलिस द्वारा प्रकरण का निपटारा न करने पर वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से कार्रवाई शुरू हो जाती है और वाहन मालिकों को मोबाइल पर सूचना भेजकर जुर्माने की राशि बता दी जाती है.
पेपरलेस होगा वर्चुअल कोर्ट
वर्चुअल कोर्ट पूरी तरह से पेपरलेस होगा. इसके माध्यम से वाहन मालिकों को यातायात विभाग का चक्कर नहीं लगाना होगा और घर बैठे ही चालान जमा हो जाएगा. लखनऊ हाईकोर्ट के गोमती नगर परिसर में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की जाएगी. इसके लिए न्यायाधीश की नियुक्ति और उनके निर्देशन में एक पूरा कार्यालय होगा. इस कोर्ट के पूरी तरह से कार्य करने पर यातायात और परिवहन विभाग के लंबित वाहन मामलों का तेजी से निपटारा हो सकेगा. इससे वाहन मालिकों को भी फायदा होगा.
यातायात विभाग के लिए कैसा रहेगा वर्चुअल कोर्ट
एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि वर्चुअल कोर्ट एक ऐप है, जो एनआईसी द्वारा विकसित किया जा रहा है. इसके जरिए 24 घंटे मामलों का निपटारा होगा. वहीं, इससे लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. साथ ही यातायात विभाग के लंबित मामलों का तेजी से निपटारा होगा.