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ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, आवास के नाम पर वसूली

उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधानों के चुनाव संपन्न होने हैं. जिसको लेकर ग्राम पंचायतों के चुनाव का बिगुल फुंक चुका है. वहीं पंचवर्षीय योजना में गांवों में कितना विकास हुआ और आम जनता तक इसका कितना लाभ पहुंचा, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची. देखिए खास रिपोर्ट.

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Published : Feb 12, 2021, 10:13 AM IST

ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप.
ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप.

लखनऊ : ग्राम पंचायतों को लोकतंत्र की आधारशिला माना गया है. वहीं अब उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव का बिगुल फूंक चुका है, जिसे लेकर तैयारियां भी जोर- शोर से चल रही है. वहीं राजधानी लखनऊ की बात करें तो ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के डिवरिया गांव पहुंची. यहां हमने ग्रामीणों से बात की और विकास का हाल जाना. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में भ्रष्टाचार की सीमा पार कर दी गई है. ग्राम प्रधान हो या अधिकारी सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ग्रामीणों ने बताया कि न तो यहां पर चलने के लिए बेहतर सड़क है और न ही आवास और शौचालय दिए गए हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं जो आज भी छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं.

ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप.

उन्होंने कहा कि नालियों की बात की जाए तो वह भी दुरुस्त नहीं हैं. साथ ही साथ स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. गांव में बना एएनएम सेंटर आज कूड़ा घर बन गया है, जहां कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं आता. वही ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव पर आरोप लगाते हुए बताया है कि आवास और शौचालय देने के लिए पैसे मांगें जाता हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमने ग्राम प्रधान को आवास के लिए 20 हजार और शौचालय के लिए 12 हजार रुपए दिए थे. लेकिन आज तक नहीं बन पाया.

इस दौरान युवाओं ने बताया कि हम काफी समय से खेल मैदान की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर ऑनलाइन आवेदन भी किया. लेकिन आज तक हमारे गांव में खेल मैदान नहीं बन पाया है. वहीं इस बारे में जब ग्राम प्रधान और अन्य संबंधित लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है कि गांव में खेल मैदान बन सकेगा. यहां बहुत से ऐसे ग्रामीण भी हैं, जिनको वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है. एक ग्रामीण ने बताया कि उनके बेटे का निधन साल 2016 में हो गया था, जिसकी विधवा बीवी को आज तक पेंशन नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि पेंशन के नाम पर केवल आश्वासन ही मिल पा रहा है.

वहीं जब ईटीवी भारत ने ग्राम प्रधान प्रेम यादव से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया और कहा कि चुनाव का दौर है लोग तो इल्जाम लगाते ही रहेंगे. जिसके बाद हमने खंड विकास अधिकारी अजीत कुमार सिंह से भी इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ : ग्राम पंचायतों को लोकतंत्र की आधारशिला माना गया है. वहीं अब उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव का बिगुल फूंक चुका है, जिसे लेकर तैयारियां भी जोर- शोर से चल रही है. वहीं राजधानी लखनऊ की बात करें तो ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के डिवरिया गांव पहुंची. यहां हमने ग्रामीणों से बात की और विकास का हाल जाना. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में भ्रष्टाचार की सीमा पार कर दी गई है. ग्राम प्रधान हो या अधिकारी सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ग्रामीणों ने बताया कि न तो यहां पर चलने के लिए बेहतर सड़क है और न ही आवास और शौचालय दिए गए हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं जो आज भी छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं.

ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप.

उन्होंने कहा कि नालियों की बात की जाए तो वह भी दुरुस्त नहीं हैं. साथ ही साथ स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. गांव में बना एएनएम सेंटर आज कूड़ा घर बन गया है, जहां कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं आता. वही ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव पर आरोप लगाते हुए बताया है कि आवास और शौचालय देने के लिए पैसे मांगें जाता हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमने ग्राम प्रधान को आवास के लिए 20 हजार और शौचालय के लिए 12 हजार रुपए दिए थे. लेकिन आज तक नहीं बन पाया.

इस दौरान युवाओं ने बताया कि हम काफी समय से खेल मैदान की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर ऑनलाइन आवेदन भी किया. लेकिन आज तक हमारे गांव में खेल मैदान नहीं बन पाया है. वहीं इस बारे में जब ग्राम प्रधान और अन्य संबंधित लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है कि गांव में खेल मैदान बन सकेगा. यहां बहुत से ऐसे ग्रामीण भी हैं, जिनको वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है. एक ग्रामीण ने बताया कि उनके बेटे का निधन साल 2016 में हो गया था, जिसकी विधवा बीवी को आज तक पेंशन नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि पेंशन के नाम पर केवल आश्वासन ही मिल पा रहा है.

वहीं जब ईटीवी भारत ने ग्राम प्रधान प्रेम यादव से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया और कहा कि चुनाव का दौर है लोग तो इल्जाम लगाते ही रहेंगे. जिसके बाद हमने खंड विकास अधिकारी अजीत कुमार सिंह से भी इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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