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यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी

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Published : May 10, 2023, 7:38 AM IST

परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात विभाग पर शहर में चलने वाले अवैध वाहनों की निगरानी के साथ साथ कार्रवाई की जिम्मेदारी है, लेकिन वसूली के खेल ने संबंधित विभागों के अफसरों के बांध रखे हैं. यही कारण है कि अपने जीवन की मियाद पूरी कर चुके विक्रम टेंपो जेैसे वाहन शहर में धड़ल्ले से सवारियां ढो रहे हैं.

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यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी

लखनऊ : परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क पर ऐसी गाड़ियां भी सरपट दौड़ रही हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं रह गया है. कागजों पर ऐसी गाड़ियां पिछले कई साल पहले ही कबाड़ घोषित की जा चुकी हैं. इसके बावजूद उन्हीं नंबर की गाड़ियों से सवारियां ढोई जा रही हैं. खास बात यह है कि हर चौराहे पर पुलिस और यातायात पुलिस तैनात रहती है, उनके सामने से गाड़ियां गुजरती हैं तो वह मुंह फेर लेते हैं. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी सड़क पर उतरकर वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान भी चलाते हैं, लेकिन यह गाड़ियां उन्हें नजर नहीं आतीं. इसके अलावा दूसरे जिले के डीजल टेंपो राजधानी की फिजां में जहर घोल रहे हैं. पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब ही नहीं है.

यातायात के नियमों का
यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी

राजधानी की सड़कों पर ऐसे विक्रम-टेंपो बिना खौफ के संचालित हो रहे हैं जिनकी न फिटनेस है न परमिट और न ही टैक्स जमा है. आरटीओ कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर कबाड़ घोषित किया जा चुका है. मड़ियांव से पॉलिटेक्निक तक दर्जनों की संख्या में ऐसे विक्रम टेंपो संचालित हो रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को टैक्स का बड़ा नुकसान हो रहा है, लेकिन चेकिंग दस्तों को इससे कोई मतलब ही नहीं है. ऐसे टेंपो का संचालन सड़क पर हो रहा है और जगह जगह पुलिस बूथ हैं जिन पर यातायात पुलिस मौजूद रहती है उन्हीं के सामने से ऐसे वाहन गुजर जाते हैं, लेकिन यह सभी जिम्मेदार मुंह फेर लेते हैं. मुंह फेरने की भी बड़ी वजह सुविधा शुल्क है. जब सुविधा शुल्क नहीं मिलता तो ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर दी जाती है. जैसे ही सुविधा शुल्क पहुंच जाता है फिर से वाहन सड़क पर दौड़ने लगते हैं. ऐसे वाहन मड़ियांव से पॉलिटेक्निक के अलावा, बापू भवन और सचिवालय के सामने से संचालित हो रहे हैं. जो सीएनजी के कलर में रंगे हुए हैं जबकि हैं डीजल टेंपो. इन डीजल टेंपो का संचालन शहर के अंदर प्रतिबंधित है, लेकिन रंगाई पुताई कर इन्हें सीएनजी के कलर में दौड़ाया जा रहा है.

यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
पेपर पर लाइफ खत्म, सड़क पर जारी है दौड़ विक्रम टेंपो संख्या यूपी 32 सीएन 8914 का इंश्योरेंस 2015 में ही खत्म हो गया जबकि फिटनेस 2016 में और परमिट 2018 में समाप्त हो चुका है. वहीं अगर टैक्स की बात की जाए तो 2019 से इस वाहन का टैक्स जमा नहीं है. आरटीओ की तरफ से टेंपो का परमिट भी खत्म कर दिया गया, लेकिन अब भी टेंपो सड़क पर बिना किसी डर के सवारियां ढो रहा है. इसी तरह वाहन संख्या सीएन 2204 जिसका इंश्योरेंस 2019 में, फिटनेस 2020 में और टैक्स 2022 में समाप्त हो चुका है. परमिट को समाप्त हुए 10 महीने से ज्यादा का समय हो गया लेकिन सुविधा शुल्क देकर बिना किसी बाधा के सवारियों को ढोने का काम कर रहा है. बीएन 8345 का परमिट 2013 में खत्म हो गया जबकि फिटनेस 2017 में टैक्स और इंश्योरेंस दोनों ही 2018 में समाप्त हो गए, लेकिन यह वाहन सड़क पर फर्राटा भर रहा है. इसी तरह वाहन संख्या सीजेड 0434 की बात करें तो इस वाहन के फिटनेस 2012 में समाप्त हो गई जबकि टैक्स 2011 में और परमिट 2015 में समाप्त हो चुका है. वाहन का इंश्योरेंस जरूर 2023 तक वैध है, लेकिन सवाल है कि जब परमिट समाप्त हो चुका है तो वाहन सड़क पर दौड़ कैसे रहा है. इसी तरह वाहन संख्या 9005 का इंश्योरेंस 2011 में, फिटनेस 2013 में समाप्त है. टैक्स 2015 तक ही जमा था, लेकिन यह वाहन भी अन्य वाहनों की तरह सड़क पर धड़ल्ले से संचालित हो रहा है.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
बाहरी जिलों के टेंपो का भी हो रहा संचालन
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
गौर करने वाली बात यह भी है कि लखनऊ शहर के अंदर आरटीओ में दर्ज टेंपो जिनका परमिट समाप्त हो चुका है वे तो संचालित हो ही रहे हैं. इसके अलावा बाहरी जनपदों के भी टेंपो का खुलेआम संचालन हो रहा है. यूपी 34 और यूपी 25 नंबर के टेंपो भी पॉलिटेक्निक पर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं. परिवहन विभाग के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद का कहना है कि अगर ऐसे टेंपो सड़क पर संचालित हो रहे हैं जिनका परमिट समाप्त हो चुका है तो इनके खिलाफ अवश्य कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अभियान चलाकर ऐसे सभी टेंपो को हरहाल में बंद कराया जाएगा. यह भी पढ़ें : शादी से पहले मंगेतर ने युवती को उतारा मौत के घाट, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी

लखनऊ : परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क पर ऐसी गाड़ियां भी सरपट दौड़ रही हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं रह गया है. कागजों पर ऐसी गाड़ियां पिछले कई साल पहले ही कबाड़ घोषित की जा चुकी हैं. इसके बावजूद उन्हीं नंबर की गाड़ियों से सवारियां ढोई जा रही हैं. खास बात यह है कि हर चौराहे पर पुलिस और यातायात पुलिस तैनात रहती है, उनके सामने से गाड़ियां गुजरती हैं तो वह मुंह फेर लेते हैं. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी सड़क पर उतरकर वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान भी चलाते हैं, लेकिन यह गाड़ियां उन्हें नजर नहीं आतीं. इसके अलावा दूसरे जिले के डीजल टेंपो राजधानी की फिजां में जहर घोल रहे हैं. पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब ही नहीं है.

यातायात के नियमों का
यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी

राजधानी की सड़कों पर ऐसे विक्रम-टेंपो बिना खौफ के संचालित हो रहे हैं जिनकी न फिटनेस है न परमिट और न ही टैक्स जमा है. आरटीओ कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर कबाड़ घोषित किया जा चुका है. मड़ियांव से पॉलिटेक्निक तक दर्जनों की संख्या में ऐसे विक्रम टेंपो संचालित हो रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को टैक्स का बड़ा नुकसान हो रहा है, लेकिन चेकिंग दस्तों को इससे कोई मतलब ही नहीं है. ऐसे टेंपो का संचालन सड़क पर हो रहा है और जगह जगह पुलिस बूथ हैं जिन पर यातायात पुलिस मौजूद रहती है उन्हीं के सामने से ऐसे वाहन गुजर जाते हैं, लेकिन यह सभी जिम्मेदार मुंह फेर लेते हैं. मुंह फेरने की भी बड़ी वजह सुविधा शुल्क है. जब सुविधा शुल्क नहीं मिलता तो ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर दी जाती है. जैसे ही सुविधा शुल्क पहुंच जाता है फिर से वाहन सड़क पर दौड़ने लगते हैं. ऐसे वाहन मड़ियांव से पॉलिटेक्निक के अलावा, बापू भवन और सचिवालय के सामने से संचालित हो रहे हैं. जो सीएनजी के कलर में रंगे हुए हैं जबकि हैं डीजल टेंपो. इन डीजल टेंपो का संचालन शहर के अंदर प्रतिबंधित है, लेकिन रंगाई पुताई कर इन्हें सीएनजी के कलर में दौड़ाया जा रहा है.

यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
पेपर पर लाइफ खत्म, सड़क पर जारी है दौड़ विक्रम टेंपो संख्या यूपी 32 सीएन 8914 का इंश्योरेंस 2015 में ही खत्म हो गया जबकि फिटनेस 2016 में और परमिट 2018 में समाप्त हो चुका है. वहीं अगर टैक्स की बात की जाए तो 2019 से इस वाहन का टैक्स जमा नहीं है. आरटीओ की तरफ से टेंपो का परमिट भी खत्म कर दिया गया, लेकिन अब भी टेंपो सड़क पर बिना किसी डर के सवारियां ढो रहा है. इसी तरह वाहन संख्या सीएन 2204 जिसका इंश्योरेंस 2019 में, फिटनेस 2020 में और टैक्स 2022 में समाप्त हो चुका है. परमिट को समाप्त हुए 10 महीने से ज्यादा का समय हो गया लेकिन सुविधा शुल्क देकर बिना किसी बाधा के सवारियों को ढोने का काम कर रहा है. बीएन 8345 का परमिट 2013 में खत्म हो गया जबकि फिटनेस 2017 में टैक्स और इंश्योरेंस दोनों ही 2018 में समाप्त हो गए, लेकिन यह वाहन सड़क पर फर्राटा भर रहा है. इसी तरह वाहन संख्या सीजेड 0434 की बात करें तो इस वाहन के फिटनेस 2012 में समाप्त हो गई जबकि टैक्स 2011 में और परमिट 2015 में समाप्त हो चुका है. वाहन का इंश्योरेंस जरूर 2023 तक वैध है, लेकिन सवाल है कि जब परमिट समाप्त हो चुका है तो वाहन सड़क पर दौड़ कैसे रहा है. इसी तरह वाहन संख्या 9005 का इंश्योरेंस 2011 में, फिटनेस 2013 में समाप्त है. टैक्स 2015 तक ही जमा था, लेकिन यह वाहन भी अन्य वाहनों की तरह सड़क पर धड़ल्ले से संचालित हो रहा है.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
बाहरी जिलों के टेंपो का भी हो रहा संचालन
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
यातायात के नियमों का धुआं उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी.
गौर करने वाली बात यह भी है कि लखनऊ शहर के अंदर आरटीओ में दर्ज टेंपो जिनका परमिट समाप्त हो चुका है वे तो संचालित हो ही रहे हैं. इसके अलावा बाहरी जनपदों के भी टेंपो का खुलेआम संचालन हो रहा है. यूपी 34 और यूपी 25 नंबर के टेंपो भी पॉलिटेक्निक पर दौड़ते हुए देखे जा सकते हैं. परिवहन विभाग के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद का कहना है कि अगर ऐसे टेंपो सड़क पर संचालित हो रहे हैं जिनका परमिट समाप्त हो चुका है तो इनके खिलाफ अवश्य कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अभियान चलाकर ऐसे सभी टेंपो को हरहाल में बंद कराया जाएगा. यह भी पढ़ें : शादी से पहले मंगेतर ने युवती को उतारा मौत के घाट, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
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