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साढ़े चार साल में 470 भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल

योगी आदित्यनाथ सरकार के साढ़े चार साल में सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने 207 मामलों में 470 लोक सेवकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया है.

सीएम योगी.
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Published : Sep 10, 2021, 1:43 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मुहिम चला रखा है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की मानें तो भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने साढ़े चार साल में 207 मामलों में 470 लोक सेवकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया है.

ACS होम के मुताबिक सतर्कता अधिष्ठान की कार्य प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाए जाने के उद्देश्य से लखनऊ, मेरठ, बरेली, आगरा, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी व कानपुर में सतर्कता अधिष्ठान के नए थाने खोले गए हैं. सतर्कता अधिष्ठान ने भ्रष्टाचार के 142 मामलों में विभागीय कार्रवाई की. जबकि 202 में अभियोजन विभाग, 10 प्रकरणों में छोटे-बड़े दंड और 7 प्रकरणों में क्षति वसूली संबंधी कार्रवाई की है.

इसे भी पढ़ें-सीएम ने अफसरों को दी चेतावनी, कहा-जनता की समस्याओं में नहीं होनी चाहिए लापरवाही

सर्तकता अधिष्ठान मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सतर्कता अधिष्ठान को शासन द्वारा लगभग साढ़े चार वर्ष की अवधि में 1156 जांचें दी गईं. इनमें से 267 अन्वेषण (जांच प्रचलित), 497 खुली जांच, 168 गोपनीय जांच, 169 प्रकरणों में गोइन्ट (अभिसूचना संकलन) तथा 55 मामलों में ट्रैप की कार्रवाई की गई. इस अवधि में हुई जांच के तहत 322 मामलों में आरोप सिद्ध न होने के कारण उन्हें समाप्त किया गया है. सतर्कता अधिष्ठान द्वारा सुलझाए गए मामलों की कुल संख्या 110 रही, जिनमें से 40 मामलों में सजा की कार्रवाई की गई है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मुहिम चला रखा है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की मानें तो भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने साढ़े चार साल में 207 मामलों में 470 लोक सेवकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया है.

ACS होम के मुताबिक सतर्कता अधिष्ठान की कार्य प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाए जाने के उद्देश्य से लखनऊ, मेरठ, बरेली, आगरा, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी व कानपुर में सतर्कता अधिष्ठान के नए थाने खोले गए हैं. सतर्कता अधिष्ठान ने भ्रष्टाचार के 142 मामलों में विभागीय कार्रवाई की. जबकि 202 में अभियोजन विभाग, 10 प्रकरणों में छोटे-बड़े दंड और 7 प्रकरणों में क्षति वसूली संबंधी कार्रवाई की है.

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सर्तकता अधिष्ठान मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सतर्कता अधिष्ठान को शासन द्वारा लगभग साढ़े चार वर्ष की अवधि में 1156 जांचें दी गईं. इनमें से 267 अन्वेषण (जांच प्रचलित), 497 खुली जांच, 168 गोपनीय जांच, 169 प्रकरणों में गोइन्ट (अभिसूचना संकलन) तथा 55 मामलों में ट्रैप की कार्रवाई की गई. इस अवधि में हुई जांच के तहत 322 मामलों में आरोप सिद्ध न होने के कारण उन्हें समाप्त किया गया है. सतर्कता अधिष्ठान द्वारा सुलझाए गए मामलों की कुल संख्या 110 रही, जिनमें से 40 मामलों में सजा की कार्रवाई की गई है.

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