लखनऊ: यूपी विधानसभा का आज एक दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ. विपक्षियों ने विधानसभा के बाहर लखीमपुर खीरी हिंसा और महंगाई को लेकर प्रदर्शन किया. विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान शुरू हुआ. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सोमवार को हुए उपाध्यक्ष पद के चुनाव में सपा के बागी नितिन अग्रवाल ने भाजपा के समर्थन से निर्वाचित हुए हैं. नितिन अग्रवाल को भाजपा ने उपाध्यक्ष पद पर समर्थन करते हुए प्रत्याशी बनाया था, मतदान के बाद हुई मतगणना में नितिन अग्रवाल को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने निर्वाचित घोषित कर दिया. दीक्षित ने बताया कि विधानसभा में कुल 368 वोट पड़े थे, जिनमें नितिन अग्रवाल को 304 वोट मिले, सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 को वोट मिले थे.
नितिन अग्रवाल 244 वोट से विजयी घोषित हुए. मतगणना में 364 वोट वैध पाए गए और 4 वोट अवैध घोषित हुए. विधानसभा में दलीय स्थिति इस प्रकार है। सपा भाजपा 304, सपा 49, बीएसपी 16, अपना दल सोनेलाल 9, कांग्रेस 7, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 4, निर्दलीय 3, राष्ट्रीय लोकदल 1, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल एक. ऐसे में सवाल उठता है कि जब समाजवादी पार्टी के 49 विधायक हैं, तो सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा को 60 वोट कैसे मिले, सूत्र कहते हैं कि कई विधायकों ने क्रास वोटिंग भी की थी. सपा प्रत्याशी को अपने दल से अधिक 11 वोट और मिले हैं. समाजवादी पार्टी के पक्ष में क्रास वोटिंग हुई थी. बसपा के आधा दर्जन विधायक भी सुबह समाजवादी पार्टी कार्यालय गए थे. उसके बाद उन लोगों ने सपा के पक्ष में वोटिंग की. बताया जा रहा है कि इनमें से कई विधायक जल्द ही सपा में शामिल होंगे.
विधानसभा के विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली सहित कई नेता उपस्थित रहे. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया. विधानसभा अध्यक्ष ने सबसे सदन की कार्यवाही व्यवस्थित चलाने की अपेक्षा की. वहीं सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर किया.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विधायकों ने विधानसभा के सामने कानून व्यवस्था, महंगाई के विरोध में काले ग़ुब्बारे उड़ाए. बढ़ते गैस सिलेंडर के दामों को लेकर हाथ में गैस सिलेंडर का पोस्टर लेकर सपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान विधानसभा गेट के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने समाजवादी पार्टी के विधायकों को हटाया.
सदन में उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई. विधानमंडल सभागार में उपाध्यक्ष पद के लिए सभी सदस्य अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. मतदान से पहले समाजवादी पार्टी ने नियमों और परंपराओं का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद का चुनाव निरस्त करने की मांग की. इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने विरोध भी जताया.
राम गोविंद चौधरी ने कहा कि परंपराओं को न तोड़िए और आज का चुनाव कैंसिल कीजिए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि चुनाव होने दीजिए, अगली बार रामगोविंद चौधरी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि अगली बार हम सरकार में होंगे और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाएंगे. इस बात का हम आश्वासन देते हैं. इस पर सदन में सब लोग हंस पड़े. रामगोविंद चौधरी ने कहा कि अगर परंपराओं की बात है तो चुनाव निर्विरोध हो और उपाध्यक्ष पद के लिए मुख्यमंत्री इसी नाम का प्रस्ताव रखें.
सदन में उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. करीब 34 साल बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान कराया जा रहा है. इससे पहले आपसी सहमति से उपाध्यक्ष विपक्षी दलों को देने की परंपरा रही है. आज होने वाले मतदान के दौरान कुछ क्रॉस वोटिंग की भी आशंका है, जिसको लेकर सभी दल सक्रिय हो गए हैं. सभी विधायकों को अपने प्रत्याशी को वोट देने का संदेश दिया गया है.
विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर दो नामांकन हुए हैं, जिनमें एक समाजवादी पार्टी के बागी सदस्य नितिन अग्रवाल का समर्थन भारतीय जनता पार्टी ने किया है तो दूसरा सपा के सदस्य नरेंद्र वर्मा ने नामांकन किया है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर नियमों और परंपराओं की हत्या करने का आरोप लगाया है. बीजेपी की तरफ से विपक्ष पर समय रहते प्रत्याशी नहीं लाए जाने का भी आरोप लगाया गया है. आज विशेष सत्र की शुरुआत पर सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके बाद 11 से 1 तक उपाध्यक्ष पद का मतदान होगा. यह गुप्त मतदान होगा.
सदन चलाए जाने को लेकर रविवार की देर शाम कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी हुई. इसमें सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए. विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्थित सदन चलाए जाने की सबसे अपेक्षा की है. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि आज आयोजित बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष का निवार्चन स्वीकार हुआ है. 18 अक्टूबर को 11 बजे सदन में निधन की सूचना ली जाएगी. इसके बाद उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी. बैठक में नियम-301 और नियम-51 की सूचनाएं लिए जाने की सहमति बनी है.
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सुरक्षा समिति की बैठक में सदस्यों के लिए निर्बाध आवागमन, सुरक्षा, उपचार आदि व्यवस्था कराए जाने पर भी विचार किया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वास किया है कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी विधानसभा होने के नाते संविधान के प्रति प्रतिबद्ध, परंपरा, संस्कृति और हर तरह से संविधान के प्रति निष्ठावान होकर सदन की कार्यवाही को सुगमतापूर्वक चलाया जाएगा. सदन में सारवान और गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है.
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