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लखीमपुर हिंसाः मृतक किसान के परिजन बोले-अजय मिश्रा के मंत्री रहते हुए हमें नहीं मिलेगा न्याय - Daljit Singh brother pleaded for justice

राजधानी लखनऊ में कांग्रेस की ओर से लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिजनों को सहायता राशि के चेक सौंपे गए. इस दौरान मृतक किसानों के परिजनों ने ETV BHARAT से बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान के परिजनों से बातचीत.
लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान के परिजनों से बातचीत.
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Published : Oct 22, 2021, 6:46 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 9:41 PM IST

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिजनों को कांग्रेस की पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में सहायता राशि के चेक दिए गए. सहायता राशि के चेक लेने बहराइच से आए दलजीत सिंह के परिजनों का ETV BHARAT से बातचीत करते हुए दर्द छलक उठा. मृतक दलजीति सिंह के परिजन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और इस्तीफा न होने से नाखुश हैं. परिजनों का कहना है कि योगी सरकार को अपना दम दिखाना चाहिए और जो वादा किया था उसको पूरा करना चाहिए.

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान के परिजनों से बातचीत.

बता दें कि बहराइच के नानपारा निवासी दलजीत सिंह किसान आंदोलन में भाग लेने लखीमपुर गए थे. जहां उनकी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचल कर मौत हो गई थी. दलजीत की पत्नी और भाई शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में सहायता राशि के चेक लेने आए थे.

इस दौरान ETV BHARAT से बातचीत करते हुए दलजीत सिंह के भाई सरदार जगजीत सिंह ने कहा कि वह अजय मिश्र टेनी के मंत्री पद से न हटाए जाने से खुश नहीं हैं. योगी सरकार ने कहा था कि अपराधी उनके प्रदेश में नहीं कर सकते, फिर इतने बड़े अपराध को अंजाम देने वाले सरकार में कैसे हैं. उनका भाई नानपारा से लखीमपुर क्यों इस आंदोलन में गया था, इस बात के जवाब में सरदार जगजीत सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का आह्वान था. कई जिलों के किसान वहां पहुंचे थे. उनका भाई भी आंदोलन में भाग ले रहा था.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी हिंसा: मृतकों के परिजनों को कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारों ने दिए एक-एक करोड़ के चेक

सीएम योगी ने कहा था कि सात दिन के भीतर इस मामले से जुड़े हुए सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, उस वायदे को पूरा करना चाहिए. केंद्रीय मंत्री को न हटाया जाना इस बात को दिखाता है कि अजय मिश्रा टेनी ने अपने प्रभाव का पूरा इस्तेमाल किया है. क्या आशीष मिश्रा मौके पर गाड़ी में सवार थे, इस बात को लेकर दलजीत के परिवार वालों ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने उनको वहां से भागते हुए देखा है. इस बात के कई वीडियो गवाह हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि वह वहां थे. दलजीत सिंह के परिजनों का कहना है कि जब तक अजय मिश्रा टेनी केंद्र में मंत्री हैं तब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.


वहीं, लखीमपुर में पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों की आंखें चेक लेते दर्द छलका उठा. दिवंगत पत्रकार के परिजनों की आंखों में आंसू थे और कांग्रेस के नेता उनको सांत्वना दे रहे थे. सभी लोग निशब्द नजर आ रहे थे और इस मदद के लिए कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी का धन्यवाद कर रहे थे.

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिजनों को कांग्रेस की पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में सहायता राशि के चेक दिए गए. सहायता राशि के चेक लेने बहराइच से आए दलजीत सिंह के परिजनों का ETV BHARAT से बातचीत करते हुए दर्द छलक उठा. मृतक दलजीति सिंह के परिजन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और इस्तीफा न होने से नाखुश हैं. परिजनों का कहना है कि योगी सरकार को अपना दम दिखाना चाहिए और जो वादा किया था उसको पूरा करना चाहिए.

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान के परिजनों से बातचीत.

बता दें कि बहराइच के नानपारा निवासी दलजीत सिंह किसान आंदोलन में भाग लेने लखीमपुर गए थे. जहां उनकी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचल कर मौत हो गई थी. दलजीत की पत्नी और भाई शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में सहायता राशि के चेक लेने आए थे.

इस दौरान ETV BHARAT से बातचीत करते हुए दलजीत सिंह के भाई सरदार जगजीत सिंह ने कहा कि वह अजय मिश्र टेनी के मंत्री पद से न हटाए जाने से खुश नहीं हैं. योगी सरकार ने कहा था कि अपराधी उनके प्रदेश में नहीं कर सकते, फिर इतने बड़े अपराध को अंजाम देने वाले सरकार में कैसे हैं. उनका भाई नानपारा से लखीमपुर क्यों इस आंदोलन में गया था, इस बात के जवाब में सरदार जगजीत सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा का आह्वान था. कई जिलों के किसान वहां पहुंचे थे. उनका भाई भी आंदोलन में भाग ले रहा था.

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सीएम योगी ने कहा था कि सात दिन के भीतर इस मामले से जुड़े हुए सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, उस वायदे को पूरा करना चाहिए. केंद्रीय मंत्री को न हटाया जाना इस बात को दिखाता है कि अजय मिश्रा टेनी ने अपने प्रभाव का पूरा इस्तेमाल किया है. क्या आशीष मिश्रा मौके पर गाड़ी में सवार थे, इस बात को लेकर दलजीत के परिवार वालों ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने उनको वहां से भागते हुए देखा है. इस बात के कई वीडियो गवाह हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि वह वहां थे. दलजीत सिंह के परिजनों का कहना है कि जब तक अजय मिश्रा टेनी केंद्र में मंत्री हैं तब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.


वहीं, लखीमपुर में पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों की आंखें चेक लेते दर्द छलका उठा. दिवंगत पत्रकार के परिजनों की आंखों में आंसू थे और कांग्रेस के नेता उनको सांत्वना दे रहे थे. सभी लोग निशब्द नजर आ रहे थे और इस मदद के लिए कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी का धन्यवाद कर रहे थे.

Last Updated : Oct 22, 2021, 9:41 PM IST
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