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विधानसभा के सामने पीड़ित परिवार ने की आत्मदाह की कोशिश, बाराबंकी प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप - lucknow samachar

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से आए पीड़ित परिवार ने लखनऊ विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के दबंग पार्षद पति ने उनकी फर्नीचर की दुकान को तहस-नहस कर आग लगा दी, लेकिन प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

आत्मदाह करने लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार
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Published : Jul 22, 2019, 6:29 PM IST

लखनऊः राजधानी लखनऊ में सोमवार सुबह उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया, जब बाराबंकी प्रशासन से पीड़ित नसीर, अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचा, लेकिन वहां पर से तैनात पुलिसकर्मियों ने बड़ा हादसा होने से रोक लिया.

आत्मदाह करने लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार.

क्या है पूरा मामला-

  • बाराबंकी जिले के निवासी नसीर अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचे.
  • हजरतगंज पुलिस ने आत्मदाह करने आए परिवार को हिरासत में ले लिया और सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया.
  • पीड़ित परिवार ने कहा कि वे बाराबंकी जिले के लाल कोठी लखपेडा का रहने वाले हैं.
  • 25 जून 1997 में मोती मजरे तहसील नवाबगंज की ग्राम प्रधान उर्मिला सिंह ने भूमि नंबर 371 पर 30 फुल लंबी और 25 फुट चौड़ी रसीद दी थी.
  • तब से पीड़ित वहां पर लकड़ी के फर्नीचर बनाने का काम करता चला आ रहा है.
  • वहां की पार्षद शानू मौर्या हैं, लेकिन 11 जुलाई 2018 को पार्षद पति नेता उनसे 10,000 रुपये की मांग की, जिसको देने से उन्होंने मना कर दिया.
  • इसके बाद पार्षद पति ने अपने कुछ साथियों के साथ उनकी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी.
  • इसकी शिकायत पीड़ित द्वारा लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जा रही है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला.

पार्षद पति ने पिछले साल अपने कुछ साथियों के साथ हमारी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी. हमने लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय शिकायत क है, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला.
-मो. नसीर, पीड़ित

लखनऊः राजधानी लखनऊ में सोमवार सुबह उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया, जब बाराबंकी प्रशासन से पीड़ित नसीर, अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचा, लेकिन वहां पर से तैनात पुलिसकर्मियों ने बड़ा हादसा होने से रोक लिया.

आत्मदाह करने लखनऊ पहुंचा पीड़ित परिवार.

क्या है पूरा मामला-

  • बाराबंकी जिले के निवासी नसीर अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचे.
  • हजरतगंज पुलिस ने आत्मदाह करने आए परिवार को हिरासत में ले लिया और सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया.
  • पीड़ित परिवार ने कहा कि वे बाराबंकी जिले के लाल कोठी लखपेडा का रहने वाले हैं.
  • 25 जून 1997 में मोती मजरे तहसील नवाबगंज की ग्राम प्रधान उर्मिला सिंह ने भूमि नंबर 371 पर 30 फुल लंबी और 25 फुट चौड़ी रसीद दी थी.
  • तब से पीड़ित वहां पर लकड़ी के फर्नीचर बनाने का काम करता चला आ रहा है.
  • वहां की पार्षद शानू मौर्या हैं, लेकिन 11 जुलाई 2018 को पार्षद पति नेता उनसे 10,000 रुपये की मांग की, जिसको देने से उन्होंने मना कर दिया.
  • इसके बाद पार्षद पति ने अपने कुछ साथियों के साथ उनकी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी.
  • इसकी शिकायत पीड़ित द्वारा लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जा रही है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला.

पार्षद पति ने पिछले साल अपने कुछ साथियों के साथ हमारी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी. हमने लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय शिकायत क है, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला.
-मो. नसीर, पीड़ित

Intro:बाराबंकी से एक परिवार अपने बच्चों के साथ लखनऊ विधानसभा के सामने आधा करने के लिए पहुंचा। पीड़ित परिवार खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने जा रहा था लेकिन तभी वहां पर मौजूद पुलिस वालों ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया और और पीड़ित परिवार को हजरतगंज पुलिस ने हिरासत में ले लिया। विरासत में लेने के बाद परिवार को सिविल हॉस्पिटल उपचार के लिए भर्ती कराया गया है जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है। कहा कि वह दबंगों के आतंक से पीड़ित हैं जिसमें बाराबंकी प्रशासन उनका सहयोग नहीं कर रहा है। इससे आगे वह लोग लखनऊ विधानसभा के सामने आज विदा करने के लिए आए हुए हैं। अब देखना यह है कि बाराबंकी प्रशासन पीड़ित को न्याय कब तक दिला पाता है।


Body:आज सुबह लखनऊ विधानसभा के सामने अफरातफरी का माहौल रहा। पीड़ित नसीर, अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने पहुंचा, लेकिन पहले से तैनात पुलिस कर्मियों ने बड़ा हादसा होने से रोक लिया। हजरतगंज पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हो परिवार को हिरासत में ले लिया और सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पीड़ित नसीर का इलाज किया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने कहा कि वह बाराबंकी जिले के लाल कोठी लखपेडा का रहने वाला है। 25 जून 1997 में मोती मजरे तहसील नवाबगंज के ग्राम प्रधान उर्मिला सिंह ने भूमि नम्बर 371 पर 30 फुल लम्बी और 25 फुट चौड़ी रसीद दी थी। तब से पीड़ित वहां पर लकड़ी सोफा और कुर्सी का काम करता चला आ रहा है। बताया कि वहां कि पार्षद शानू मौर्या है। लेकिन बीती 11 जुलाई 2018 को पार्षद पति नेता उनसे ₹10000 की डिमांड की जिसको देने से उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद पार्षद पति ने अपने कुछ साथियों के साथ उनकी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी। इसकी शिकायत लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जा रही है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है।

बाईट_ मो० नसीर

बाईट_ नाजिया बानो


Conclusion:बाराबंकी से आए पीड़ित परिवार ने लखनऊ विधानसभा के सामने जान देने की कोशिश की। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह के दबंग पार्षद पति हैं ने फर्नीचर की दुकान को तहस-नहस कर आग लगा दी, लेकिन प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है प्रशासन की लापरवाही से तंग आकर उन्होंने विधानसभा के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की। जमीन को लेकर हुए विवाद में प्रशासन द्वारा जांच की शुरुआत कब की जाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

रितेश यादव
UP10003
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