लखनऊः राजधानी लखनऊ में सोमवार सुबह उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया, जब बाराबंकी प्रशासन से पीड़ित नसीर, अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचा, लेकिन वहां पर से तैनात पुलिसकर्मियों ने बड़ा हादसा होने से रोक लिया.
क्या है पूरा मामला-
- बाराबंकी जिले के निवासी नसीर अपनी बेगम नाजिया बानो और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह करने लखनऊ विधानसभा पहुंचे.
- हजरतगंज पुलिस ने आत्मदाह करने आए परिवार को हिरासत में ले लिया और सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया.
- पीड़ित परिवार ने कहा कि वे बाराबंकी जिले के लाल कोठी लखपेडा का रहने वाले हैं.
- 25 जून 1997 में मोती मजरे तहसील नवाबगंज की ग्राम प्रधान उर्मिला सिंह ने भूमि नंबर 371 पर 30 फुल लंबी और 25 फुट चौड़ी रसीद दी थी.
- तब से पीड़ित वहां पर लकड़ी के फर्नीचर बनाने का काम करता चला आ रहा है.
- वहां की पार्षद शानू मौर्या हैं, लेकिन 11 जुलाई 2018 को पार्षद पति नेता उनसे 10,000 रुपये की मांग की, जिसको देने से उन्होंने मना कर दिया.
- इसके बाद पार्षद पति ने अपने कुछ साथियों के साथ उनकी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी.
- इसकी शिकायत पीड़ित द्वारा लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जा रही है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला.
पार्षद पति ने पिछले साल अपने कुछ साथियों के साथ हमारी दुकान को तहस-नहस कर उसमें आग लगा दी. हमने लगातार बाराबंकी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय शिकायत क है, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला.
-मो. नसीर, पीड़ित