लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय का कार्यकाल 30 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. राजभवन में नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया लंबित है. नागौर में कुलपति के लिए 5 नामों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है. लेकिन अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में गुरुवार को कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का एक बार फिर से कार्यकाल बढ़ा दिया है. वहीं, राजभवन में हुई बैठक में अगली नियुक्ति तक लखनऊ विश्वविद्यालय के आलोक कुमार राय ही कुलपति बने रहेंगे.
राजभवन के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को हुई बैठक में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पद को लेकर चर्चा हुई है. जिसमें तय किया गया कि अभी कुलपति आलोक कुमार राय ही अगली नियुक्ति तक लखनऊ विवि के कुलपति बने रहेंगे. अगली नियुक्ति को लेकर जल्द ही आगामी बैठक में निर्णय लिया जाएगा. माना जा रहा है कि यह लखनऊ विश्वविद्यालय को नेक मूल्यांकन में ए डबल प्लस की ग्रेडिंग दिलाने के कार्य का तोहफा माना जा रहा है, क्योंकि यह विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धि है.
वहीं, शिक्षकों के प्रमोशन से लेकर जरूरतमंद छात्रों के लिए वीसी केयर फंड की शुरुआत करना जैसे तमाम ऐसे कार्य हैं, जो आलोक कुमार राय की विश्वविद्यालय के लोगों को याद दिलाते रहेंगे. लविवि के कुलपति की इस रेस में अब देखना है कि प्रो. आलोक कुमार राय के बाद अब किसके नाम पर मुहर लगती है. बता दें कि, शुक्रवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के कार्यकाल को बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे.