लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर प्रकरण पर आने वाले फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद पूरी तरह से अलर्ट है. आरएसएस और विहिप का पूरा फोकस समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने को लेकर है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी प्रचारक अपने-अपने केंद्रों पर इस पूरे काम में भी लगे हुए हैं और बुद्धिजीवियों और समाज के अन्य लोगों के साथ बातचीत कर शांति की अपील भी कर रहे हैं.
राम मंदिर फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सतर्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राम मंदिर पर आने वाले फैसले को लेकर सतर्क है और चिंतित भी है कि कहीं कोई अप्रिय घटना न होने पाए. समाज के लोगों के बीच यह भाव रहे कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला हो, वह हर कोई मानेगा. हर किसी को यह फैसला मानना भी चाहिए कि संविधान की जो व्यवस्था है, सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अदालत है.
ऐसे में अब जब यह मामले को लेकर पूरा फैसला आने वाला है तो शांति व्यवस्था बनी रहे. समाज में हर तरफ शांति और सद्भाव नजर भी आना चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने सभी केंद्रों पर रहकर इस पूरे मामले पर नजर बनाने और बैठक कर लोगों से अपील करने की बात कही है.
समाज में शांति की अपील
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की तरफ से भी पिछले दिनों अपील आई थी कि संघ का मानना है कि फैसला जो भी हो वह सब को मानना होगा. हर कोई इस काम में साथ दे और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने में अपनी भूमिका का महत्वपूर्ण निर्वहन करे.
आरएसएस विचारक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह कर रहा है. यह संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संविधान और समाज दोनों के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह भी है. वह गंभीर जो निर्णय आने वाला है, उसको लेकर सब सतर्क हैं कि फैसला जो भी आए, उसका हर कोई पालन करें. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आएगा उसके बाद समाज में शांति और सौहार्द बना रहे यह भी सुनिश्चित करना सबका दायित्व है.
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 17 नवंबर से पहले राम मंदिर प्रकरण पर फैसला सुनाया जाना है. संभावना जताई जा रही है कि 10 तारीख से 15 तारीख के बीच में राम मंदिर पर स्वामित्व का फैसला आ जाएगा, जिसको लेकर हर तरफ अब अपील की जा रही है कि समाज में शांति बनी रहे.