लखनऊ: लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अब नए या पुराने किसी तरह के भी दो तीन या चार पहिया वाहन बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगे संचालित नहीं हो सकते हैं. अगर ऐसे वाहन संचालित होते हुए पाए जाते हैं, तो 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में बिना एचएसआरपी लगे ही सभी श्रेणी के वाहन दौड़ रहे हैं.
इस ओर पुलिस, यातायात और परिवहन विभाग का ध्यान ही नहीं जा रहा है. एचएसआरपी के चालान की संख्या काफी कम है. अब समस्या वाहन स्वामियों के सामने यह भी आ रही है कि वह अपने वाहन में एचएसआरपी तो लगाना चाहते हैं, लेकिन बुकिंग की वेटिंग 25 दिन तक पहुंच गई है. लखनऊ में ही तकरीबन आठ लाख ऐसे वाहन हैं, जो बिना एचएसआरपी के चल रहे हैं.
परिवहन विभाग ने इस माह 13 मार्च तक लखनऊ में 272 वाहनों का चालान किया, जिसमें 211 वाहनों में एचएसआरपी नंबर नहीं थी. वहीं अन्य चालान नंबर प्लेट के फर्जी मिलने, अस्पष्ट दिखने आदि की वजह से किए गए. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में करीब 22 लाख नॉन कॉमर्शियल वाहन रजिस्टर्ड हैं. इनमें करीब 18 लाख गाड़ियां चल रही हैं.
कॉमर्शियल गाड़ियों की संख्या करीब 10 लाख है. इनमें से करीब साढ़े पांच लाख गाड़ियां ऐसी हैं, जो 2019 के बाद खरीदी गई थीं. इनमें पहले से ही एचएसआरपी नंबर प्लेट लगी है. करीब साढ़े 12 लाख वाहनों में नये सिरे से एचएसआरपी लगनी थी, लेकिन आठ लाख वाहनों में अभी तक एचएसआरपी नहीं है.
अभियान के बाद आई तेजी: परिवहन विभाग की तरफ से मियाद पूरी होने के बाद बिना एचएसआरपी लगे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए गए. इसके बाद पुराने वाहन स्वामी नींद से जागे और अपने वाहनों में एसएसपी लगाने के लिए भागे, लेकिन उनकी यह भागदौड़ बेकार हुई. अधिक डिमांड के चलते हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की समय पर सप्लाई ही नहीं हो पा रही है. 25 दिन की वेटिंग चल रही है. अब बिना एचएसआरपी लगाकर सड़क पर उतर रहे वाहन स्वामी 5000 रुपये के चालान होने के डर से घबरा रहे हैं.
क्या कह रहे अधिकारी: लखनऊ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद का कहना है कि परिवहन विभाग के लखनऊ जोन में हमारी टीम प्रतिदिन अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है. ये अभियान और तेज किया जाएगा. कंपनियों से भी बात की जाएगी कि तेजी से काम करें. बुक करने के एक या दो दिन के अंदर ही वाहन स्वामियों को हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट उपलब्ध हो, ताकि वे चालान से बच सकें.