लखनऊ : महंगाई का असर आम आदमी की रसोई और उसकी थाली में साफ दिख रहा है. आलम यह है कि रोजाना की जरूरत के सामानों के साथ हरी सब्जियों (green vegetables) के भाव भी आसमान छू रहे हैं. हरी सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिलहाल आम आदमी की थाली (common man's plate) से हरी सब्जियां अभी दूर ही रहेंगी.
व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसल बर्बाद (vegetable crop wasted) हुई है. इसलिए सब्जियों की पैदावार (production of vegetables) कम हो गया है. यही कारण है कि प्रदेश में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं प्रदेश के बाहर से सब्जियां आयात करने (importing vegetables from outside the state) पर काफी लागत आ रही है. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं.
बृहस्पतिवार (3 नवंबर) को मंडी में (State Mandis) में आलू रु 25 किलो, प्याज रु 30 किलो, टमाटर रु 80 किलो, नीबू रु80 किलो, करेला रु50 किलो, लौकी रु30 किलो, भिंडी रु50 किलो, कद्दू रु25 किलो, लहसुन रु60 किलो, तरोई रु40 किलो, पालक रु40 किलो, हरी मटर रु150 किलो, मिर्च रु80 किलो, गोभी 35 रु/पीस, गाजर रु80 किलो, परवल रु80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 140 किलो बिका. व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई थीं. फिलहाल अभी सब्जियों के दाम में कोई गिरावट नहीं होने वाली है.