हैदराबाद: विश्व की सबसे बड़ी सियासी पार्टी भाजपा अपने संगठनात्मक ढांचे और अनुशासन के लिए जानी जाती है. पार्टी में ऐसे कई नेता रहे, जिन्होंने राष्ट्रहित में अपना योगदान दिया है. लेकिन मौजूदा दौर में ऐसे नेता भी सामने आ रहे हैं, जो पार्टी की विचारधारा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यही नहीं सरेआम पार्टी के विरोध में उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं और उन्हें पता भी है कि उनके बयान का आगे क्या असर होने वाला है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पीलीभीत से भाजपा के सांसद वरुण गांधी की. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में आवाज उठाने से लेकर लखीमपुर-खीरी कांड (Lakhimpur-Kheri case) तक में पार्टी के खिलाफ बोलने से लेकर सरेआम सोशल मीडिया पर खुले पत्र लिख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) तक की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं.
हालांकि, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा रही कि वरुण गांधी (Varun Gandhi) अब बड़ी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ मिलकर यूपी में कांग्रेस को मजबूत करेंगे. कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि अगर वरुण गांधी कांग्रेस में आते हैं तो पार्टी उन्हें यूपी में बतौर सीएम फेस पेश कर सकती है. लेकिन अब वरुण गांधी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है.
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वहीं, तृणमूल सूत्रों की मानें तो संभावना प्रबल है और जल्द ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) वरुण गांधी से मुलाकात कर सकती हैं. इधर, पश्चिम बंगाल में भाजपा को तृणमूल कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. जिसके बाद भाजपा से बहुत सारे नेता पार्टी का दामन छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.
तृणमूल में शामिल होने वाले भाजपा नेताओं की सूची में सबसे पहला नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Former Union Minister Babul Supriyo) का था, जो बंगाल चुनाव से पहले भाजपा से नाराज थे और जैसे ही बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की जीत हुई उन्होंने भाजपा को छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.
वहीं, अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी (Trinamool supremo Mamata Banerjee) बहुत जल्द यूपी में सक्रिय होने जा रही हैं. उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कुछ सीटों पर प्रत्याशी भी उतारेगी. लेकिन इन सब के बीच अब तृणमूल कांग्रेस की नजर युवा कद्दावर नेता वरुण गांधी पर भी है. हर दिन अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर सुर्खियों में रहने गांधी परिवार के लाल वरुण गांधी अब भाजपा नेताओं को फूटी आंख नहीं सुहा रहे.
वहीं, नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि आगे वरुण गांधी तृणमूल में शामिल होकर उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ प्रचार करते नजर आएंगे.
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इस बात की भी संभावना है कि वरुण गांधी और ममता बनर्जी जल्द ही एक-दूसरे से दिल्ली में मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि, इस मुलाकात और वरुण गांधी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की फिलहाल तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द ही दिल्ली वरुण गांधी से मुलाकात करेंगी.
बता दें कि हाल ही में भाजपा ने वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति से हटा दिया था. ऐसे में भगवा खेमे के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई है. भाजपा की तरफ से भी वरुण के लिए कुछ अच्छे संकेत मिलते हुए नहीं दिख रहे हैं. वहीं, सियासी जानकारों की मानें तो भाजपा में रहकर वरुण गांधी एक बड़े मंच की तलाश में हैं और ऐसे में तृणमूल कांग्रेस सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है.
वो यह भूल गए हैं कि वो मोदी और शाह युग के भाजपा का हिस्सा हैं, जो अपनी बात मनवाना जानते हैं और किसी नेता के पार्टी का विरोध करने पर वो कड़े फैसले लेने से भी नहीं चूकते हैं. वैसे अब आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि वरुण गांधी का सियासी भविष्य भाजपा के साथ तय होगा या फिर तृणमूल कांग्रेस के साथ. खैर, यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, सो चर्चाओं का बाजार गर्म हैं और चर्चा के केंद्र में वरुण गांधी फिर से लौट आए हैं.
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