लखनऊ: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आज विधान भवन के सामने मार्च पास्ट एवं झांकियों को हरी झंडी दिखाने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया मुख्यमंत्री ने मार्च पास्ट की सलामी ली और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इससे पहले 75 बाइक रैली को भी हरी झंडी दिखाकर योगी आदित्यनाथ ने रवाना किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल पर आधारित एक स्मारिका का भी विमोचन किया.
विधान भवन के सामने मार्च पास्ट कार्यक्रम में पुलिस विभाग, सेना तमाम निजी और अन्य सरकारी संस्थानों की तरफ से परेड और झांकियां निकाली गई जो लोगों का मन मोह रही थीं. मार्च पास्ट की सलामी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं ली. सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल देश की एकता और अखंडता के सूत्रधार और शिल्पी थे, वह किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे.
उन्होंने भारत को एक सूत्र में बांधकर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनाने का काम किया था. सीएम ने कहा कि भारत को कमजोर करने के लिए रियासतों के ऊपर निर्णय छोड़ा था कि या तो वे भारत में विलय करें या पाकिस्तान में जाएं या स्वतंत्र देश बनाएं, लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल के भारत के एकीकरण के अभियान से वे स्वतंत्र भारत के एकता और अखंडता के शिल्पी माने गए.
उन्होंने कहा कि आज जब देश चौरीचौरा का अमृत महोत्सव मना रहा है तो देश के वीरों को याद करने का यही समय है. सीएम ने कहा कि उत्थान तथा पतन किसी भी व्यक्ति के साथ उस राष्ट्र को भी प्रभावित करता है और हमारा देश भी लम्बे समय तक इससे प्रभावित रहा है. विदेशी जानते थे कि वह भारत में तब तक शासन कर सकते हैं जब तक कि भारत के लोग एकजुट न होने पाएं. उसके बाद जब देश के लोग सक्रिय और एकजुट होने लगे तो फिर परिस्थिति बदल गईं. सीएम योगी ने कहा कि भारत को कमजोर करने के लिए रियासतों के ऊपर निर्णय छोड़ा था कि या तो वे भारत में विलय करें या पाकिस्तान में जाएं या स्वतंत्र देश बनाएं, लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल के भारत के एकीकरण के अभियान से वे स्वतंत्र भारत के एकता और अखंडता के शिल्पी माने गए.
उन्होंने कहा कि हम सब इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के साक्षी बन रहे हैं. हम सबके लिए अपने आपको जानने, आजादी की कीमत क्या होती है इसका आत्मावलोकन करने का एक अवसर भी है. आजादी के लिए अनगिनत बलिदान हुए हैं. हजारों स्मारक आज भी आजादी में शहीदों के बलिदान की याद दिलाते हैं. कहा कि स्वाधीनता संग्राम का केंद्र बिंदु यूपी रहा है.
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बलिया, गोरखपुर, मेरठ जैसे स्थान थे, जिन्होंने विदेशी हुकूमत के खिलाफ बिगुल बजाया और देश में आजादी की अलख जगाई थी. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जितना भी संघर्ष हुआ उसे कौन भूल सकता है. देश की आजादी में जिन्होंने बलिदान दिया उनका स्मरण औऱ श्रद्धांजलि देने का यह वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर कानून मंत्री बृजेश पाठक, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे.