लखनऊः जिले में कोविड-19 के वैक्सीनेशन का काम धीरे-धीरे ही सही लेकिन आगे बढ़ रहा है. शुरू में लोग वैक्सीनेशन से डर रहे थे लेकिन अब लोगों के मन से डर खत्म हो रहा है. वैक्सीनेशन हो जाने के बाद लोगों के चेहरे पर खुशी है लेकिन कई लोगों की शिकायत है कि इसके लिए इंतजार भी काफी करना पड़ रहा है.
डोज कम होने से इंतजार
कोरोना महामारी के कहर से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. लखनऊ में यह कार्यक्रम युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. हालांकि वैक्सीन की डोज कम होने के कारण लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों की संख्या लगभग 9.28 करोड़ है. इन सभी को निशुल्क वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार राज्य के बजट से धनराशि का इंतजाम करेगी. वैक्सीन की 4 करोड़ डोज खरीदने पर 8 हजार करोड़ का खर्च अनुमानित किया गया है. प्रदेश सरकार ने 4 करोड़ वैक्सीन हासिल करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी भी कर दिया है. ऐसे में टेंडर होते ही जल्द ही वैक्सीन की कमी पूरी हो जाएगी.
लोगों के अनुभव
अगर राजधानी लखनऊ के वैक्सीन सेंटर्स की बात की जाए तो यहां पर वैक्सीन लगवाने आए कुछ लोगों का कहना है कि पहली डोज लगवाने के बाद उन्हें बुखार और सिर में दर्द जैसी समस्याएं हुई थीं, जिसके बाद वह थोड़ा चिंतित हो गए थे लेकिन अब उनको दूसरी डोज भी लग गई है. अब वो पूरी तरह से ठीक हैं. कुछ लोगों का यह भी कहना है वैक्सीन लगवाना पूरी तरह से सुरक्षित है.
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मेडिकल स्टाफ करता है ये सवाल
मेडिकल स्टाफ की बात की जाए तो वैक्सीन लगाने वाली नर्स का कहना है कि वो वैक्सीन लगाने से पहले लोगों से कुछ सवाल करती हैं. पहला सवाल उन्होंने कुछ नाश्ता किया है या नहीं, उन्हें फीवर तो नहीं है, उन्हें कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है. वैक्सीन लगाने के बाद उन्हें कोविड-19 नियमों का पालन करने की भी सलाह देती हैं. वैक्सीन लगाने के बाद लोगों को ऑब्जरवेशन रूम में आधे घंटे के लिए बैठाया जाता है और यह देखा जाता है कि कहीं उन पर वैक्सीन का दुष्प्रभाव तो नहीं हो रहा है. हालांकि अभी तक वैक्सीन के कोई बड़े दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं.