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राजधानी के इन अस्पतालों में लग रहे बच्चों के सामान्य टीके

राजधानी लखनऊ के कुछ अस्पतालों में बच्चों का सामान्य टीकाकरण (vaccination) शुरू हो गया है. वहीं, महिला अस्पतालों और सीएचसी-पीएचसी में अभी बच्चों का सामान्य टीकाकरण नहीं हो रहा है.

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Published : Jul 20, 2021, 4:46 PM IST

बच्चों का टीकाकरण.
बच्चों का टीकाकरण.

लखनऊ: राजधानी के अस्पतालों में बच्चों का सभी प्रकार का सामान्य टीकाकरण (vaccination) हाल ही में शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ कुछ ही अस्पतालों में सामान्य टीका लग रहा है. बहुत से टीकाकरण ऐसे होते हैं, जो बच्चे के पैदा होने के बाद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लगाए जाते हैं. इसमें बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो ड्रॉप शामिल है.

विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने 2 प्रतिशत बच्चों पर असर डाला. कोरोना की तीसरी लहर जोकि अगस्त से अक्टूबर के बीच में आने की आशंका है, उसमें बच्चों के ऊपर अधिक प्रभाव पड़ेगा. राजधानी के हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई और अवतीबाई में बच्चों का सामान्य टीका लग रहा है, जबकि राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में बच्चों के जरूरी टीकाकरण नहीं हो रहे हैं. इसके अलावा अन्य महिला अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण ठप है. यहां तक कि शहर के तमाम सीएचसी और पीएचसी में बच्चों का सामान्य टीका नहीं लग रहा.

कोरोना की वजह से बंद रहा सामान्य टीकाकरण

झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि कोरोनावायरस को आए हुए डेढ़ साल हो गया है. इसमें से सिर्फ 4 महीने अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण हुए हैं. इनमें दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च शामिल है, जबकि अप्रैल के शुरुआती में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तेज हुई. इसके बाद ओपीडी के साथ ही सामान्य बीमारियों का टीकाकरण भी बंद हो गया. उन्होंने बताया कि नवजात के लिए 1 साल तक जो टीकाकरण होते हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण हैं. फिर चाहे वह बीसीजी का हो या फिर पोलियो ड्रॉप. रोजाना सामान्य दिनों में लगभग 40 से 50 बच्चों का टीकाकरण होता है.

पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जानिए कितनी है औरैया में तैयारी

डफरिन में हर दिन लग रहे 20 टीके

गोलगंज स्थित डफरिन अस्पताल में भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है, पूरी तैयारियों के बाद बीते सप्ताह से टीके लगाए जा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए फिलहाल एक दिन में केवल 20 बच्चों को ही टीके लग रहे हैं. अभिभावकों को अपने बच्चे को टीका लगवाने के लिए पर्चा बनवाना होगा. प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा.

बच्चों के जरूरी टीके

जन्म पर : बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी

6 हफ्ते या सवा महीने : ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1

10 हफ्ते या सवा दो महीने : ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2

14 हफ्ते या सवा तीन महीने : ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3

9 महीने : एमसीवी-1, विटामिन-ए

16-24 महीने : डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए

5-6 साल : डीपीटी-बी 2

10 साल : टीटी

16 साल : टीटी-1 और टीटी-2

लखनऊ: राजधानी के अस्पतालों में बच्चों का सभी प्रकार का सामान्य टीकाकरण (vaccination) हाल ही में शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ कुछ ही अस्पतालों में सामान्य टीका लग रहा है. बहुत से टीकाकरण ऐसे होते हैं, जो बच्चे के पैदा होने के बाद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लगाए जाते हैं. इसमें बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो ड्रॉप शामिल है.

विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने 2 प्रतिशत बच्चों पर असर डाला. कोरोना की तीसरी लहर जोकि अगस्त से अक्टूबर के बीच में आने की आशंका है, उसमें बच्चों के ऊपर अधिक प्रभाव पड़ेगा. राजधानी के हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई और अवतीबाई में बच्चों का सामान्य टीका लग रहा है, जबकि राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में बच्चों के जरूरी टीकाकरण नहीं हो रहे हैं. इसके अलावा अन्य महिला अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण ठप है. यहां तक कि शहर के तमाम सीएचसी और पीएचसी में बच्चों का सामान्य टीका नहीं लग रहा.

कोरोना की वजह से बंद रहा सामान्य टीकाकरण

झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि कोरोनावायरस को आए हुए डेढ़ साल हो गया है. इसमें से सिर्फ 4 महीने अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण हुए हैं. इनमें दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च शामिल है, जबकि अप्रैल के शुरुआती में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तेज हुई. इसके बाद ओपीडी के साथ ही सामान्य बीमारियों का टीकाकरण भी बंद हो गया. उन्होंने बताया कि नवजात के लिए 1 साल तक जो टीकाकरण होते हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण हैं. फिर चाहे वह बीसीजी का हो या फिर पोलियो ड्रॉप. रोजाना सामान्य दिनों में लगभग 40 से 50 बच्चों का टीकाकरण होता है.

पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जानिए कितनी है औरैया में तैयारी

डफरिन में हर दिन लग रहे 20 टीके

गोलगंज स्थित डफरिन अस्पताल में भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है, पूरी तैयारियों के बाद बीते सप्ताह से टीके लगाए जा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए फिलहाल एक दिन में केवल 20 बच्चों को ही टीके लग रहे हैं. अभिभावकों को अपने बच्चे को टीका लगवाने के लिए पर्चा बनवाना होगा. प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा.

बच्चों के जरूरी टीके

जन्म पर : बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी

6 हफ्ते या सवा महीने : ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1

10 हफ्ते या सवा दो महीने : ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2

14 हफ्ते या सवा तीन महीने : ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3

9 महीने : एमसीवी-1, विटामिन-ए

16-24 महीने : डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए

5-6 साल : डीपीटी-बी 2

10 साल : टीटी

16 साल : टीटी-1 और टीटी-2

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