लखनऊ: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी दो दिन के लिए राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं. आज उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात की. वहीं, दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्ति विवाद को लेकर दोनों सीएम के बीच बैठक हुई.
बैठक के दौरान वीवीआइपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के बीच संपत्ति के स्थानांतरण को लेकर बात हुई है. उन्होंने बताया कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे उस पर सहमति बनी है. हमारे सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा. जो जमीनें उत्तर प्रदेश के काम की हैं, वह उत्तर प्रदेश को मिल जाएंगी. उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दोनों एक-दूसरे के साथ खड़े हुए हैं.
वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग करके उत्तराखंड राज्य बनाया गया था. तभी से लगातार परिसंपत्तियों के विभाजन को लेकर मामले फंसे हुए हैं. केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के कारण यह उम्मीद जताई जा रही थी कि परिसंपत्तियों से जुड़ी पहेली जल्द ही हल हो जाएगी. अब उत्तराखंड में चुनाव को करीब ढाई से 3 महीने का समय बचा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बातचीत के दौरान बताया कि ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बनती नजर आ रही है. राज विभाग को हस्तांतरित होने वाली कुंभ मेला की जमीन को लेकर भी बात हुई है.
पुराने दिन की खूब हुईं चर्चाएं
पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ में रहने के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. वह 1994-95 में लखनऊ आए थे. यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर रहे. पत्रकारों से वार्ता के दौरान पूछे गए एक सवाल में धामी ने कहा कि वह जीवन के सबसे हसीन दिन थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार लखनऊ आए. पुराने दिनों की यादें फिर ताजा हो गईं. उन्होंने बताया कि बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें सम्मानित किया गया. वह अपने छात्रावास के कमरा नंबर 119 में भी गए. पुष्कर धामी कहते हैं कि उन दिनों को कभी नहीं भुलाया जा सकता.
यह मुद्दे फंसे हुए हैं
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति देनी है. इसके अलावा उधम सिंह नगर में धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में जल क्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है. केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम को भी भुगतान किया जाना है. यूपीसीएल को बिजली बिलों का बकाया भुगतान देना है. इसके अलावा यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित कार्यालय, कार सेक्शन फॉर कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला के विभाजन का फैसला होना है.
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उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी अभी तक परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला सुलझा नहीं है. इस संबंध में पिछली बैठक अगस्त 2019 में हुई थी. हालांकि इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन ज्यादातर मामलों में कोई फैसला नहीं हो सका और उत्तराखंड को परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं हुई.
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