लखनऊ: प्रदेश में हर घर जल पहुंचाने के अभियान के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा की जा रही पानी सैम्पल की जांच में भी यूपी पहले स्थान पर पहुंच गया है. जलशक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी ने छत्तीसगढ़, केरल, झारखंड, उड़ीसा और एमपी जैसे राज्यों को पानी सैम्पल की जांच में पछाड़ दिया है. 20756 गांव में यूपी की महिलाओं ने 1197890 पानी के सैम्पलों की जांच पूरी कर ली है. एफटीके किट से की गई जांच में 69279 पानी सैपंल दूषित पाए गये है. वहीं 12919 जगह आवश्यक कार्रवाई की गई है.
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भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में 17823 गांव में महिलाओं ने 1160940 पानी सैम्पल की जांच की है. छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है. एफटीके किट से पानी जांच के मामले में तीसरे नम्बर पर केरल, चौथे पर ओड़ीसा और पांचवें स्थान पर मध्य प्रदेश है. राज्य सरकार की निरंतर निगरानी और नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की कार्ययोजना ने यूपी के इस अभियान को नई रफ़्तार दे दी है. कुछ दिनों पहले तक टॉप 10 से बाहर रहने वाले यूपी ने तेजी से आगे बढ़ते हुए देश में नंबर एक स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
गौरतलब है कि, जन-जन तक नल से शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में हर गांव में पांच-पांच महिलाओं को पानी जांच के लिए प्रशिक्षित करने का अभियान भी छेड़ा हुआ है. सरकार की मंशा हर घर तक नल से शुद्ध पानी मुहैया कराना है. जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस उपलब्धि पर विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और गांव में पानी की जांच कर रहीं महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि हर घर जल देने में भी हम बहुत जल्द सबसे आगे होंगे. उत्तर प्रदेश को विकास के हर क्षेत्र में सबसे आगे होना है.
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