लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत लगभग 3 करोड़ 30 लाख उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर एक अप्रैल को रिजर्व बैंक की तरफ से अधिसूचित बैंक दर पर ब्याज दिए जाने का प्रावधान है. बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल-मई या जून में उनकी जमा सिक्योरिटी पर उनके बिजली बिल में ब्याज दिया जाना है.
इसके संबंध में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने सभी बिजली कंपनियों के लिए निर्देश जारी कर दिया है. इसके तहत वर्ष 2022 -23 के लिए उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी धनराशि पर एक अप्रैल 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक से अधिसूचित बैंक दर 4.25 प्रतिशत की ब्याज दर से इस बार उपभोक्ताओं को ब्याज मिलेगा.
पावर कारपोरेशन की तरफ से उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी पर ब्याज दिए जाने का आदेश जारी किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश के लगभग 3 करोड़ 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं ने जो अपनी कुल सिक्योरिटी बिजली कंपनियों के पास जमा की है. वह लगभग 4,215 करोड़ है. इस प्रकार 4.25 प्रतिशत ब्याज प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को मिलना है. जो लगभग सभी विद्युत उपभोक्ताओं के अगर ब्याज की राशि निकाली जाए. वह लगभग 180 करोड़ होगी.
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह का आभार व्यक्त किया. जिनके प्रयास से प्रदेश के सभी उन लाखों विद्युत उपभोक्ताओं को अब सिक्योरिटी पर ब्याज प्राप्त होगा. जिनकी सिक्योरिटी सिस्टम में फीड नहीं थी. विद्युत नियामक आयोग की लगातार मॉनिटरिंग का नतीजा है कि अब उत्तर प्रदेश में सभी विद्युत उपभोक्ताओं की जो जमा सिक्योरिटी है. वह सिस्टम में फीड हो गई है. इसलिए सभी विद्युत उपभोक्ता इस बार अपने आगामी बिल में इस बात का मिलान कर लें कि उन्हें सिक्योरिटी पर ब्याज प्राप्त हो गया या नहीं.
बता दें कि पावर कारपोरेशन के इस आदेश के बाद उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिल में काफी लाभ मिलेगा. जबकि घाटे में चल रहे पावर कारपोरेशन को इस बार बिजली वितरण के एवज में प्राप्त होने वाले बिल की धनराशि कम हो जाएगी.
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