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CM की पहल से मनरेगा में रोजगार सृजन का यूपी ने बनाया रिकार्ड - यूपी ने बनाया रिकार्ड

सीएम योगी की पहल से मनरेगा में रोजगार सृजन को लेकर उत्तर प्रदेश ने रिकार्ड बनाया है. बीते 12 फरवरी तक राज्य में 35 करोड़ 47 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन हुआ है. यह यूपी में ही नहीं बल्कि देश में रिकार्ड है. मनरेगा में 37 लाख महिलाओं और 73.50 लाख पुरुष श्रमिकों को रोजगार दिया गया है. इसके लिए 7,303.85 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है. जबकि कुल खर्च 9,707.15 करोड़ रुपये हुआ है.

मनरेगा में रोजगार सृजन का यूपी ने बनाया रिकार्ड
मनरेगा में रोजगार सृजन का यूपी ने बनाया रिकार्ड
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Published : Feb 16, 2021, 9:46 PM IST

लखनऊ: सीएम योगी की पहल पर उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकार्ड कायम कर रहा है. मनरेगा के तहत अब न सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि गांव-गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो गया है. कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिनके चलते अब गांवों का विकास हो रहा है. गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ है. इसके चलते ही प्रदेश में लक्ष्य के सापेक्ष में 35 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन इस साल हुआ है.

प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार
मनरेगा के तहत हुए यह निर्माण कार्य एक रिकार्ड हैं. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा में प्रदेश को 26 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य दिया गया था. कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया. जिसके चलते लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढाकर 35 करोड़ कर दिया था.

35 करोड़ के लक्ष्य को भी पार किया
अब राज्य में इस 35 करोड़ के लक्ष्य को भी पार कर लिया गया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, बीती 12 फरवरी तक राज्य में 35 करोड़ 47 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन हुआ है, जोकि यूपी में ही नहीं बल्कि देश में रिकार्ड है. मनरेगा में 37 लाख महिलाओं और 73.50 लाख पुरुष श्रमिकों को रोजगार दिया गया है. इसके लिए 7,303.85 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है. जबकि कुल खर्च 9,707.15 करोड़ रुपये हुआ है.

इन क्षेत्रों में मनरेगा के तहत हुए कार्य
इसके अलावा गांव-गांव में जलसंचयन के लिए इस वर्ष प्रदेश में 19,951 तालाब बनाए गए हैं. इसी प्रकार 18,206 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है और 99,454 पशु आश्रय स्थल निर्माणाधीन है. इस वर्ष 24,798 पंचायत भवन और 56,906 सामुदायिक शौचालय भी मनरेगा कन्वर्जेन्स के अतंर्गत बनाए गए हैं. 6,020 बकरी शेड बनाए हैं और 24,655 शेड निर्माणाधीन हैं. यहीं नहीं मनरेगा योजना के तहत 8.80 करोड़ पौधों का रोपण राज्य में कराया गया है. बीते चार वर्षों में मनरेगा के तहत राज्य में 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया गया है. राज्य की 25 नदियों का पुनरुद्धार भी इस समयावधि में किया गया है.

मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य
मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है. इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी. सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक किया जाएगा. मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार, मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.

पुरस्कार मिलने की उम्मीद
इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया. मनरेगा के तहत राज्य में हुए कार्यों को लेकर इस साल प्रदेश को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की उम्मीद है. इसमें सबसे अधिक रोजगार सृजन के साथ मजदूरी भुगतान और स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए भी पुरस्कार मिलने की उम्मीद है. बीते तीन वर्षों में मनरेगा योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया जा चुका है और अब राज्य में मनरेगा के तहत हुए तमाम कार्यों को देखते हुए कई अन्य पुरस्कार अब सूबे को मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

लखनऊ: सीएम योगी की पहल पर उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकार्ड कायम कर रहा है. मनरेगा के तहत अब न सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि गांव-गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो गया है. कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिनके चलते अब गांवों का विकास हो रहा है. गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ है. इसके चलते ही प्रदेश में लक्ष्य के सापेक्ष में 35 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन इस साल हुआ है.

प्रवासी श्रमिकों को मिला रोजगार
मनरेगा के तहत हुए यह निर्माण कार्य एक रिकार्ड हैं. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा में प्रदेश को 26 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य दिया गया था. कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया. जिसके चलते लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढाकर 35 करोड़ कर दिया था.

35 करोड़ के लक्ष्य को भी पार किया
अब राज्य में इस 35 करोड़ के लक्ष्य को भी पार कर लिया गया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, बीती 12 फरवरी तक राज्य में 35 करोड़ 47 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन हुआ है, जोकि यूपी में ही नहीं बल्कि देश में रिकार्ड है. मनरेगा में 37 लाख महिलाओं और 73.50 लाख पुरुष श्रमिकों को रोजगार दिया गया है. इसके लिए 7,303.85 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है. जबकि कुल खर्च 9,707.15 करोड़ रुपये हुआ है.

इन क्षेत्रों में मनरेगा के तहत हुए कार्य
इसके अलावा गांव-गांव में जलसंचयन के लिए इस वर्ष प्रदेश में 19,951 तालाब बनाए गए हैं. इसी प्रकार 18,206 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है और 99,454 पशु आश्रय स्थल निर्माणाधीन है. इस वर्ष 24,798 पंचायत भवन और 56,906 सामुदायिक शौचालय भी मनरेगा कन्वर्जेन्स के अतंर्गत बनाए गए हैं. 6,020 बकरी शेड बनाए हैं और 24,655 शेड निर्माणाधीन हैं. यहीं नहीं मनरेगा योजना के तहत 8.80 करोड़ पौधों का रोपण राज्य में कराया गया है. बीते चार वर्षों में मनरेगा के तहत राज्य में 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया गया है. राज्य की 25 नदियों का पुनरुद्धार भी इस समयावधि में किया गया है.

मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य
मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है. इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी. सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक किया जाएगा. मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार, मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.

पुरस्कार मिलने की उम्मीद
इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया. मनरेगा के तहत राज्य में हुए कार्यों को लेकर इस साल प्रदेश को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की उम्मीद है. इसमें सबसे अधिक रोजगार सृजन के साथ मजदूरी भुगतान और स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए भी पुरस्कार मिलने की उम्मीद है. बीते तीन वर्षों में मनरेगा योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया जा चुका है और अब राज्य में मनरेगा के तहत हुए तमाम कार्यों को देखते हुए कई अन्य पुरस्कार अब सूबे को मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

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