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उत्तर प्रदेश में लाखों आवासीय योजनाएं, मगर रेरा में केवल 3467 पंजीकृत

यूपी भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) में नयी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण तेजी से हो रहा है. यूपी रेरा में अब तक 3467 परियोजनाएं पंजीकृत हुई हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 7:12 AM IST

लखनऊ: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) में अब तक कुल 3467 परियोजनाएं पंजीकृत (Only 3467 housing schemes registered in RERA) हो चुकी हैं. मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में आवश्य पर योजनाएं चल रही हैं. इनमें से रेरा पंजीकृत योजनाओं की संख्या इतनी कम है. ऐसे में बड़ी संख्या में अवैध योजनाएं संचालित हैं. रेरा प्रदेश के रीयल एस्टेट क्षेत्र को सशक्त करने और उसे विकास की दौड़ में सबसे आगे ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. एन सी आर क्षेत्र में कुल 1598 और नॉन एनसीआर क्षेत्र में कुल 1869 परियोजनाएं पंजीकृत हुईं हैं.

प्रदेश में पंजीकृत कुल 3467 परियोजनाओं में से 1411 परियोजनाएं ऐसी हैं जो नवीन हैं और 2056 का कार्य प्रगति पर हैं. नॉन एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 1869 परियोजनाओं में से 882 नवीन पंजीकृत परियोजनाएं हैं और 987 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है. एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 1598 परियोजनाओं में 529 नवीन परियोजनाएँ हैं और 1069 का कार्य प्रगति पर है. रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रगति शील प्रमुख जनपद गौतम बुद्ध नगर में कुल 962 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 671 का कार्य प्रगति पर है और 291 नवीन पंजीकृत पंजीकृत परियोजनाएं हैं.

गाजियाबाद में कुल 428 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 268 का कार्य प्रगति पर है और 160 नवीन पंजीकृत परियोजनाएं हैं. राजधानी लखनऊ में कुल 719 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 320 नवीन परियोजनाएं पंजीकृत हुई हैं और 399 का कार्य प्रगति पर है.

यूपी रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (UP RERA Chairman Sanjay Bhoosreddy) ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल आबादी वाला प्रदेश है. प्रदेश को रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक संतुलित विकास और नियमन दोनों की आवश्यकता है. विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र और सुरक्षित होम बायर्स का संतुलन चक्र परियोजनाओं के पंजीयन से ही आरंभ होता है. प्रदेश भर में कार्यरत सभी रियल एस्टेट उद्यमियों को अपनी परियोजनाओं का पंजीयन रेरा में अवश्य कराना चाहिए और प्राधिकरण के नियमों का अनुपालन कर होम बायर्स के हितों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए. परियोजनाओं का पंजीयन कराकर प्रोमोटर न सिर्फ होम बायर्स के हितों की रक्षा करते हैं, बल्कि प्रोमोटर्स स्वयं को भी नियमन के दायरे में रखकर एक सशक्त और प्रगतिशील रियल एस्टेट सेक्टर के निर्माण में अपना योगदान करते हैं.

लखनऊ: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) में अब तक कुल 3467 परियोजनाएं पंजीकृत (Only 3467 housing schemes registered in RERA) हो चुकी हैं. मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में आवश्य पर योजनाएं चल रही हैं. इनमें से रेरा पंजीकृत योजनाओं की संख्या इतनी कम है. ऐसे में बड़ी संख्या में अवैध योजनाएं संचालित हैं. रेरा प्रदेश के रीयल एस्टेट क्षेत्र को सशक्त करने और उसे विकास की दौड़ में सबसे आगे ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. एन सी आर क्षेत्र में कुल 1598 और नॉन एनसीआर क्षेत्र में कुल 1869 परियोजनाएं पंजीकृत हुईं हैं.

प्रदेश में पंजीकृत कुल 3467 परियोजनाओं में से 1411 परियोजनाएं ऐसी हैं जो नवीन हैं और 2056 का कार्य प्रगति पर हैं. नॉन एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 1869 परियोजनाओं में से 882 नवीन पंजीकृत परियोजनाएं हैं और 987 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है. एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 1598 परियोजनाओं में 529 नवीन परियोजनाएँ हैं और 1069 का कार्य प्रगति पर है. रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रगति शील प्रमुख जनपद गौतम बुद्ध नगर में कुल 962 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 671 का कार्य प्रगति पर है और 291 नवीन पंजीकृत पंजीकृत परियोजनाएं हैं.

गाजियाबाद में कुल 428 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 268 का कार्य प्रगति पर है और 160 नवीन पंजीकृत परियोजनाएं हैं. राजधानी लखनऊ में कुल 719 परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं, जिनमें से 320 नवीन परियोजनाएं पंजीकृत हुई हैं और 399 का कार्य प्रगति पर है.

यूपी रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (UP RERA Chairman Sanjay Bhoosreddy) ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल आबादी वाला प्रदेश है. प्रदेश को रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक संतुलित विकास और नियमन दोनों की आवश्यकता है. विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र और सुरक्षित होम बायर्स का संतुलन चक्र परियोजनाओं के पंजीयन से ही आरंभ होता है. प्रदेश भर में कार्यरत सभी रियल एस्टेट उद्यमियों को अपनी परियोजनाओं का पंजीयन रेरा में अवश्य कराना चाहिए और प्राधिकरण के नियमों का अनुपालन कर होम बायर्स के हितों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए. परियोजनाओं का पंजीयन कराकर प्रोमोटर न सिर्फ होम बायर्स के हितों की रक्षा करते हैं, बल्कि प्रोमोटर्स स्वयं को भी नियमन के दायरे में रखकर एक सशक्त और प्रगतिशील रियल एस्टेट सेक्टर के निर्माण में अपना योगदान करते हैं.

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