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यूपी रेरा ने ऑनलाइन किए दस प्रमुख प्रपत्र, भू कारोबारियों को मिलेगी सुविधा

यूपी रेरा ने दस प्रमुख प्रपत्र ऑनलाइन कर दिए हैं. इन प्रपत्रों के ऑनलाइन उपलब्ध हो जाने से भू व्यवसायियो को सुविधा मिलेगी. अब रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म (ए) के साथ-साथ रियल स्टेट अभिकर्ता नवीनीकरण प्रार्थना पत्र भी यूपी रेरा के वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगा.

यूपी रेरा
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Published : Jul 29, 2021, 3:50 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने अपने 10 प्रमुख प्रपत्र ऑनलाइन कर दिए हैं. इसमें रेरा के नए प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन का प्रपत्र भी शामिल है. प्रपत्र ऑनलाइन किए जाने से खासतौर पर उन लोगों को सुविधा मिल सकेगी जो भू व्यवसाय का कारोबार कर रहे हैं.

भारत सरकार के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग ने निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से रेग्यूलेटरी और शिकायतों के बोझ को कम किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से किए गए अनुरोध के क्रम में उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विकास 2016 के तहत इन प्रपत्रों को ऑनलाइन किए जाने की कार्य योजना मिली थी. जिसके तहत इन सभी प्रपत्रों को रेरा के वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिया गया है.

यूपी रेरा ने ऑनलाइन किए दस प्रमुख प्रपत्र
यूपी रेरा ने ऑनलाइन किए दस प्रमुख प्रपत्र
बिल्डर्स एवं भू व्यवसायियों की परेशानियों को कम करने और आवंटियों को लाभ देने के लिए यूपी रेरा ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय गौतम बुद्ध नगर में ई कोर्ट की स्थापना की है. इसके माध्यम से अब तक 12,908 शिकायतें दर्ज की गई हैं. रेरा के सचिव राजेश कुमार त्यागी ने बताया कि होम बायर्स और प्रमोटर्स की समस्याओं को हल करने के लिए इस दौरान सीलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. जिसमें 1882 मामले पंजीकृत हुए हैं.

ऑनलाइन हुए इन सुविधाओं से संबंधित प्रपत्र
रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 और उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट रूल्स 2016 के तहत पंजीकरण की अवधि बढ़ाने के लिए दिया जाने वाला फार्म और प्रमाण पत्र, लाइसेंस और अनुमति की प्रार्थना पत्र भी अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगा. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म (ए) के साथ-साथ रियल स्टेट अभिकर्ता नवीनीकरण प्रार्थना पत्र भी यूपी रेरा के वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगा.

क्या है रेरा
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 एक अधिनियम है, जो घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए और अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने के लिए बना है. इस बिल को राज्यसभा ने 10 मार्च 2016 को और लोकसभा ने 15 मार्च 2016 को पारित कर दिया था.1 मई 2016 से ये अधिनियम अस्तित्व में आया. इस अधिनियम को बिल्डरों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के खिलाफ शिकायतों में वृद्धि के बाद बनाया गया है. इन शिकायतों में मुख्य रूप से खरीदार के लिए घर कब्जे में देरी, समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भी प्रमोटरों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और कई तरह की समस्याएं हैं. RERA एक सरकारी निकाय है जिसका एकमात्र उद्देश्य खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ ही प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के लिए एक पथ रखना है ताकि उन्हें बेहतर सेवाओं के साथ आगे आने का मौका मिले.

इसे भी पढ़ें- RERA में ई-कोर्ट की व्यवस्था शुरू, अब कोर्ट की कार्यवाही सुन सकेंगे मोबाइल पर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने अपने 10 प्रमुख प्रपत्र ऑनलाइन कर दिए हैं. इसमें रेरा के नए प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन का प्रपत्र भी शामिल है. प्रपत्र ऑनलाइन किए जाने से खासतौर पर उन लोगों को सुविधा मिल सकेगी जो भू व्यवसाय का कारोबार कर रहे हैं.

भारत सरकार के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग ने निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से रेग्यूलेटरी और शिकायतों के बोझ को कम किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से किए गए अनुरोध के क्रम में उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विकास 2016 के तहत इन प्रपत्रों को ऑनलाइन किए जाने की कार्य योजना मिली थी. जिसके तहत इन सभी प्रपत्रों को रेरा के वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिया गया है.

यूपी रेरा ने ऑनलाइन किए दस प्रमुख प्रपत्र
यूपी रेरा ने ऑनलाइन किए दस प्रमुख प्रपत्र
बिल्डर्स एवं भू व्यवसायियों की परेशानियों को कम करने और आवंटियों को लाभ देने के लिए यूपी रेरा ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय गौतम बुद्ध नगर में ई कोर्ट की स्थापना की है. इसके माध्यम से अब तक 12,908 शिकायतें दर्ज की गई हैं. रेरा के सचिव राजेश कुमार त्यागी ने बताया कि होम बायर्स और प्रमोटर्स की समस्याओं को हल करने के लिए इस दौरान सीलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. जिसमें 1882 मामले पंजीकृत हुए हैं.

ऑनलाइन हुए इन सुविधाओं से संबंधित प्रपत्र
रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 और उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट रूल्स 2016 के तहत पंजीकरण की अवधि बढ़ाने के लिए दिया जाने वाला फार्म और प्रमाण पत्र, लाइसेंस और अनुमति की प्रार्थना पत्र भी अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगा. रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म (ए) के साथ-साथ रियल स्टेट अभिकर्ता नवीनीकरण प्रार्थना पत्र भी यूपी रेरा के वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगा.

क्या है रेरा
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 एक अधिनियम है, जो घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए और अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने के लिए बना है. इस बिल को राज्यसभा ने 10 मार्च 2016 को और लोकसभा ने 15 मार्च 2016 को पारित कर दिया था.1 मई 2016 से ये अधिनियम अस्तित्व में आया. इस अधिनियम को बिल्डरों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के खिलाफ शिकायतों में वृद्धि के बाद बनाया गया है. इन शिकायतों में मुख्य रूप से खरीदार के लिए घर कब्जे में देरी, समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भी प्रमोटरों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और कई तरह की समस्याएं हैं. RERA एक सरकारी निकाय है जिसका एकमात्र उद्देश्य खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ ही प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के लिए एक पथ रखना है ताकि उन्हें बेहतर सेवाओं के साथ आगे आने का मौका मिले.

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