लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) ने इस साल बकाएदारों की सहूलियत के लिए एकमुश्त समाधान योजना डेढ़ माह से ऊपर के लिए जारी की. यह योजना वैसे तो हर साल बिजली विभाग ला रहा है लेकिन पहली बार चोरों के लिए अभी विभाग एकमुश्त समाधान योजना लेकर आया. इसको लेकर बड़े विवाद भी खड़े हुए. कहा गया कि ऐसे तो बिजली चोरी की उपभोक्ताओं में आदत पड़ेगी क्योंकि उन्हें एकमुश्त समाधान योजना आने की उम्मीद बनी रहेगी. यह योजना चोरों के लिए नहीं होनी चाहिए. इस पर ऊर्जा मंत्री बैकफुट पर तो आए, लेकिन इस बार उन्होंने इस योजना को जारी रखने की घोषणा की, लेकिन आगे चोरों के लिए योजना नहीं लाने का भी फैसला लिया.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में पिछले साल की तरह इस साल भी पावर कारपोरेशन का घाटा कम करने के लिए बकाएदार उपभोक्ताओं से बकाया वसूल करने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (One Time Settlement Scheme) लागू की, लेकिन इस बार यह योजना पिछले अन्य सालों की तुलना में थोड़ा अलग थी, क्योंकि इस बार ऐसा भी हुआ कि पावर कॉरपोरेशन पर ही सवाल उठ गए. दरअसल, उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने इस बार एकमुश्त समाधान योजना में बिजली चोरों को भी लाभ देने का फैसला लिया था. जिन उपभोक्ताओं के घर की बिजली चोरी के चलते कटी थी या फिर जिन्होंने बिजली चोरी में अपना बिल नहीं जमा किया था और तहसील तक उनके बिल न जमा करने की शिकायत पहुंच चुकी थी.
ऐसे बिजली चोरों को भी एकमुश्त समाधान योजना में अपना बिल जमा कराकर छूट का लाभ देने का फैसला लिया. हालांकि जिस उम्मीद के साथ पावर कारपोरेशन ने बिजली चोरों को फायदा पहुंचने का फैसला लिया था उस उम्मीद को झटका ही लगा है, क्योंकि उतनी संख्या में उपभोक्ता इस योजना का प्रति आकर्षित नहीं हुए जितना उन्होंने बिजली चोरी कर विभाग का नुकसान किया था. एकमुश्त समाधान योजना का अब तक 76 हजार लोगों ने विद्युत चोरी करने व आरसी जारी होने के मामलों में लाभ लिया. उन्हें 376 करोड़ रुपये की छूट मिली.
कोशिशें खूब हुईं पर इस साल नहीं बढ़ीं बिजली दरें: पावर कारपोरेशन की तरफ से कोशिश तो खूब की गईं. कई बार नियामक आयोग की दहलीज पर भी पावर कारपोरेशन ने कदम रखा. वार्षिक राजस्व आवश्यकता डर का प्रस्ताव दिया. अपने खर्चों को लेकर भी बात रखी, लेकिन पावर कारपोरेशन को उपभोक्ताओं को बिजली दर बढ़ाने में कामयाबी नहीं मिली. इस बार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका नहीं लगा.
पहली बार मिला मुआवजे का लाभ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने फैसला दिया कि उपभोक्ताओं के हित में पावर कारपोरेशन को मुआवजा देना चाहिए. पावर कारपोरेशन ने लाख टालमटोल की, लेकिन नियामक आयोग ने सख्त नियम पास किया गया और अब बिजली से संबंधित तमाम शिकायतों के लिए उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून लागू हो गया. इनमें बिजली कटौती से लेकर कनेक्शन में देरी की शिकायतों पर समय से काम न होने पर मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन करीब एक लाख करोड़ के घाटे में है. इस घाटे की भरपाई के लिए ही एकमुश्त समाधान योजना लागू की गई, लेकिन जिस उद्देश्य के लिए यह योजना लागू हुई उसका फायदा फिलहाल पावर कारपोरेशन को मिलता नजर नहीं आया. अभी भी पावर कारपोरेशन पहले की ही तरह घाटे में ही है.