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पावर कारपोरेशन के चेयरमैन समेत सभी डिस्कॉम के एमडी नियामक आयोग में तलब - एमडी पंकज कुमार तलब

कॉस्ट डाटा बुक के बजाय उपभोक्ताओं से स्टॉक इश्यू रेट से उपकरणों का पैसा वसूले जाने पर आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और एमडी पंकज कुमार को तलब कर लिया है.

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कॉस्ट डाटा बुक
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Published : Sep 26, 2022, 10:11 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh State Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बनाए गए कानून का उल्लंघन करना उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को भारी पड़ गया है. कॉस्ट डाटा बुक के बजाय उपभोक्ताओं से स्टॉक इश्यू रेट से उपकरणों का पैसा वसूले जाने पर आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और एमडी पंकज कुमार को तलब कर लिया है.

आयोग की तरफ से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के सभी डिस्कॉम के एमडी (MD of Discom) को भी विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) में तलब किया गया है. विद्युत नियामक आयोग ने 21 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी और केस्को के एमडी को भी 21 अक्टूबर को आयोग के सामने जवाब के साथ पेश होना होगा. विद्युत नियामक आयोग की कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन कर उपभोक्ताओं से ज्यादा पैसा वसूला गया है. नए कनेक्शन लेने वाले विद्युत उपभोक्ताओं से करीब 100 करोड़ की ज्यादा वसूली हुई है. विद्युत कंपनियों को भी नियामक आयोग की तरफ से कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों को 21 अक्टूबर तक उपभोक्ताओं को पैसा वापस करने का निर्देश दिया गया है.

यह भी पढ़ें- लखनऊ मेट्रो के स्टॉफ ने यात्री को लौटाए 4000 डॉलर, लैपटॉप

बता दें कि, नियामक आयोग के कॉस्ट डाटा बुक को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने नए कनेक्शन पर उपकरणों का एस्टीमेट स्टॉक इश्यू रेट के आधार पर बनाया जो कास्ट डाटा बुक से बहुत ज्यादा था. उपभोक्ताओं से सॉफ्टवेयर में बदलाव कर बिजली कंपनियों ने 100 करोड़ से भी ज्यादा की वसूली की. इस पर आयोग में शिकायत हुई थी जिसके बाद सख्त रुख अपनाते हुए आयोग ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन समेत सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को तलब कर लिया है. अब सभी को अपना जवाब आयोग के सामने रखना होगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh State Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बनाए गए कानून का उल्लंघन करना उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को भारी पड़ गया है. कॉस्ट डाटा बुक के बजाय उपभोक्ताओं से स्टॉक इश्यू रेट से उपकरणों का पैसा वसूले जाने पर आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और एमडी पंकज कुमार को तलब कर लिया है.

आयोग की तरफ से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के सभी डिस्कॉम के एमडी (MD of Discom) को भी विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) में तलब किया गया है. विद्युत नियामक आयोग ने 21 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी और केस्को के एमडी को भी 21 अक्टूबर को आयोग के सामने जवाब के साथ पेश होना होगा. विद्युत नियामक आयोग की कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन कर उपभोक्ताओं से ज्यादा पैसा वसूला गया है. नए कनेक्शन लेने वाले विद्युत उपभोक्ताओं से करीब 100 करोड़ की ज्यादा वसूली हुई है. विद्युत कंपनियों को भी नियामक आयोग की तरफ से कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों को 21 अक्टूबर तक उपभोक्ताओं को पैसा वापस करने का निर्देश दिया गया है.

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बता दें कि, नियामक आयोग के कॉस्ट डाटा बुक को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने नए कनेक्शन पर उपकरणों का एस्टीमेट स्टॉक इश्यू रेट के आधार पर बनाया जो कास्ट डाटा बुक से बहुत ज्यादा था. उपभोक्ताओं से सॉफ्टवेयर में बदलाव कर बिजली कंपनियों ने 100 करोड़ से भी ज्यादा की वसूली की. इस पर आयोग में शिकायत हुई थी जिसके बाद सख्त रुख अपनाते हुए आयोग ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन समेत सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को तलब कर लिया है. अब सभी को अपना जवाब आयोग के सामने रखना होगा.

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