लखनऊ: आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं. मजबूरी है मेरी. यह कह कर मेरठ के वेदमित्र ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और आत्महत्या कर ली. बागपत जिले के राजीव तोमर ने आर्थिक तंगी के चलते सोशल मीडिया पर लाइव आकर पत्नी के साथ जहर खा लिया. इसमें पत्नी की मौत हो गई. ऐसे दर्जनों मामले उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि समूचे देश भर में हैं जहां किसी न किसी समस्या के चलते लोग सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर आत्महत्या कर रहे हैं.
ऐसी आत्महत्याओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक आगे आया है. अब अगर कोई फेसबुक या फिर इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने से संबंधित कोई वीडियो लाइव या पोस्ट करेगा तो इस बात की सूचना त्वरित रूप से यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को दे दी जाएगी. इससे पुलिस टीम मौके पर जाकर आत्महत्या करने वाले की जान बचा सकेगी.
शनिवार को इसी मिशन की मदद से यूपी पुलिस ने प्रयागराज के 11वीं के छात्र की जान बचाई थी. छात्र एग्जाम में फेल हो गया था, जिससे वह उदास हुआ और ट्विटर पर एक पोस्ट किया. इसमें उसने फेल होने की वजह से आत्महत्या करने की बात पोस्ट की. आनन-फानन में यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर ही पहले उसे समझाने का प्रयास किया और उसकी लॉकेशन ट्रेस कर पुलिस टीम भेजकर उसे आत्महत्या करने से रोक लिया.
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यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को रोजाना ऐसे दर्जनों वीडियो ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मिलते हैं. इसमें लोग अपनी समस्या बताते हुए आत्महत्या कर लेते हैं या फिर करने जा रहे होते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में देर से सूचना मिलने पर पुलिस उन्हें बचाने में असफल होती है. इसी से निपटने व रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए यूपी पुलिस ने फेसबुक से एक अनुबंध किया है. इसके तहत फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट किया जाता है तो फेसबुक कंपनी के अमेरिका स्थित मुख्यालय द्वारा यूपी पुलिस के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर की अधिकृत ई-मेल आईडी व फोन नंबर पर ऐसे पोस्ट करने वाले के संबंध में तत्काल अलर्ट भेजा जाएगा. इससे तुरंत पुलिस एक्शन में आ जाएगी.
एसटीएफ भी करेगी सोशल मीडिया सेल की मदद
यूपी पुलिस सोशल मीडिया सेल के ASP राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जब हम सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने का वीडियो पोस्ट होते देखते थे तो ये चाहते थे कि किसी भी तरह हम उस व्यक्ति की जान बचा सकें. कई बार यूपी पुलिस ने कोशिश भी की थी ऐसे लोगों की जान बचाने की, लेकिन देर से जानकारी मिलती थी जिससे समय पर नहीं पहुंच सकते थे.
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डीजीपी का निर्देश हुआ कि कैसे भी ऐसे लोगों की जान बचाई जाए और उनकी काउंसलिंग की जाए. इसी क्रम में फेसबुक से बात की गई और उन्होंने हमें ऐसे केस के अलर्ट भेजने का भरोसा दिलाया. हमने एसटीएफ की भी सहायता ली है, जिससे आत्महत्या करने के लिए वीडियो पोस्ट करने वाले की लॉकेशन जल्द से जल्द मिल सके. इसके लिए हमने एसटीएफ को अपने सर्वर से लिंक किया है, जिससे बिना टाइम व्यर्थ किए हमारे साथ एसटीएफ को भी जानकारी मिल सके.
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