लखनऊ : नेपाल से ड्रग्स की तस्करी हो या फिर यूपी बिहार से अपराधियों का नेपाल भागना या फिर पड़ोसी देशों से नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ करना अब तक बहुत ही आसान था. जानकारी मिलने के बाद भी यूपी पुलिस खराब रास्तों और दूरी के चलते बोर्डर इलाकों में सहजता और समय से नहीं पहुंच पाती थी. अब बीते वर्ष शुरू हुए ऑपरेशन कवच के चलते बोर्डर के नो मेंस लैंड में यूपी पुलिस मजबूत हो रही है. नई पुलिस चौकियां, हाईटेक असलहे व उपकरणों से लैश पुलिस एसएसबी की ही तरह नेपाल के बोर्डर पर चौकसी करेगी. इससे रात में नेपाल से आने जाने वाले अपराधियों की धड़पकड़ होगी.
उत्तर प्रदेश के सात जिलों पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर की सीमाएं नेपाल से मिलती है. इसकी लगभग 530 किलोमीटर खुली सीमा सीमाओं पर बसे गांवों में पुलिस आसानी से नहीं पहुंच पाती है. कारण खराब रास्ते, पुलिस चौकियों का न होना, गाड़ियों की कमी जैसे कई कारण है. जिसका फायदा अपराधी उठाते हैं और इन खुली सीमाओं से घुसपैठ, तस्करी, यूपी से अपराधियों का फरार हो जाना शामिल है.
पुलिस को दिए जा रहे हाईटेक उपकरण
सिद्धार्थनगर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित आनंद कहते हैं कि जिले से सटी 68 किलोमीटर लंबी नेपाल सीमा पूरी तरह से खुली है जो अधिकतम नो मेंस लैंड है. इनमें पांच थाने आते हैं. हालांकि इन सीमाओं पर मौजूद गांवों तक जाने वाले मार्गों पर खराब रास्ते हैं. रात को हमारी पुलिस यहां पर कांबिंग नहीं कर सकती थी. इमरजेंसी सूचना मिलने पर समय पर पुलिस टीम सीमा तक नहीं पहुंच सकती थी, जिसका फायदा अपराधी उठाते हैं, लेकिन ऑपरेशन कवच के तहत अब हमारी पुलिस सीमावर्ती इलाकों पर मजबूत हो रही है. पांच-पांच किलोमीटर दूरी पर हाईटेक पुलिस चौकियों का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए जमीन चिन्हित कर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है.
यह भी पढ़ें : चालिहो महोत्सव से नए मंदिर में विराजेंगे झूलेलाल, सीएम योगी करेंगे लोकार्पण